दुनिया में सिर्फ़ एक ही ऐसा अनोखा देश जहाँ ऐसा मालूम होता की कई देशों को मिलाकर एक देश बन गया है। हमारा भारत, जहाँ हर तरह की संस्कृति और स्वाद को समिल्लित किया गया हो। यहाँ भाषा , स्वाद और वेशभूषा हर कुछ किलोमीटर्स के बाद बदल जाता है। सिर्फ़ यही नहीं, लोगों की पसंद भी बदल जाती है। जो स्वाद भारत में पाए जाते हैं जैसे पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण एक दिशा से दूसरी दिशा तक पहुंचते-पहुंचते उसका स्वरुप पूरी तरह से बदल जाता है, जैसे उत्तर में हम ज़्यादा मीठा और तीखा खाना पसंद करते हैं, वहीँ दक्षिण में खट्टा खाने पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है। ऐसा ही कुछ हाल पश्चिम का है कि यहाँ कि नमकीन पूरब पहुंचते पहुंचते मीठी हो जाती है। जैसे कलकत्ता और बिहार में ज़्यादा नमक खाया जाता है।
इसी तरह से मिठाई और नमकीन इंडस्ट्री में भी नमकीन और मिठाई का सफ़र एक शहर से दूसरे शहर तक बदलता रहता है और एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश तक काफ़ी हद्द तक विभिन्न हो जाता है। एक रसगुल्ला जो दिल्ली में स्पंजी प्रकार का होता है वही कलकत्ता तक जाते जाते अपना रूप बदल देता है। जब वही रसगुल्ला मुंबई या तमिल नाडु या बैंगलोर पहुंचता है तो वह बिलकुल ही बदला हुआ जान पड़ता है। इसी तरह से सभी तरह कि नमकीन और मिठाई भी मिलती हैं। ख़ास तौर से नमकीन जो भारत में कई तरह से बनाई जाती हैं , हमने यह देखा है कि 520 से भी ज़्यादा तरीकों कि नमकीन बनाई जाती है। हमारी जानकारी के हिसाब से सब से ज़्यादा नमकीन ‘ओम नमकीन’, इंदौर लगभग 400 प्रकार कि नमकीन इनकी फैक्ट्री में बनाई जाती है। ऐसा नहीं है कि एक कि जगह बनती हैं तो इन में समानताएं होंगी यह सब कि सब एक दूसरे से बिलकुल अलग और विभिन्न प्रकार कि नमकीन एक ही काउंटर से बेचीं और खायी जाती हैं जिस में के मध्य प्रदेश के अलग अलग ज़िलों कि कई वैराइटीज़ हैं और भारत कि अलग-अलग राज्यों कि कई वैराइटीज़ हैं।
यही जब रतलाम पहुंचती है तो रतलामी सेव के रूप में पहुंचती है और अगर यही गुजरात और अहमदाबाद जाती है गाठिया के रूप में बेचीं और खायी जाती है और फिर यही भाकरवड़ी बन जाती है बरोडा तक पहुंचते पहुंचते । कई सदियों में इन नमकीन का सफ़र भारत पहुंचा है। पूरी दुनिया से जितने भी लोगों ने भारत आने का सफ़र किया है वह अपने साथ अपने स्वाद और अपना ट्रेडिशन भी साथ लाये हैं। कई बार हम इसका वर्णन अपने उल्लेख में कर चुके हैं ईरान से चला ‘सामसा’ यहाँ का ‘समोसा’ बना बैठा है और अरब से चली ‘जलपिया’ भारत में ‘जलेबी’ के नाम से मशहूर हो जाती है। आज समोसा और जलेबी भारत के मुख्य नाश्ते में गिने जाते हैं , इसी तरह से ईरान से चली ‘बिरयान’ भारत में ‘बिरयानी’ बन कर छा जाती है और भारत के हर ज़िले कि अपनी एक अलग पहचान बन जाती है, यही चीज़ हमने नमकीन में भी देखि है।
इसको हमने अपनी कहानी के माध्यम से नमकीन इंडस्ट्री के कुछ दिग्गजों से इस पर बात की है जिसको लेकर उनकी अपनी राय है। आज जिस तरह से सीज़निंग और मसलों के सिलसिले में उनके ऊपर अनुसंधान और विकास (RnD) के साथ काम किया जा रहा है, हम उसी वजह से ग्लोबल ट्रेंड्स पर भी काम कर रहे हैं कुछ ग्लोबल सीज़निंग और ग्लोबल स्वाद को भारत में इंट्रोड्यूस कर पा रहे हैं। ना सिर्फ़ ग्लोबल एक्सेप्टेन्स भारत में बढ़ रही हैं बल्कि इंडियन प्रोडक्ट्स की, स्नैक्स और नमकीन कि अक्सेप्टबिलिटी अब ग्लोबल मार्केट में बढ़ रही है। कुरकुरे जिसका जीता जगता उदाहरण है जो भारत में बनाया गया है और अमेरिकन मशीनों को इस्तेमाल कर के बनाया गया है जिसे एक मुख्य स्नैक कि तरह खाया जाता है उसका जो स्वाद है जो सीज़निंग है वह बदल जाती है।
आज कुरकुरे तक़रीबन दुनिया के हर कोने में खाया जाता है और भारत में भी अलग अलग राज्यों में अलग अलग स्वादों को पसंद किया जाता है।
एक ग्लोबल एप्रोच आने के बाद से एक बहुत बड़ा मौक़ा प्राप्त होता है इंडस्ट्री के लिए जिस में वह लोग थोड़ी RnD और थोड़ा विश्व में अनावरण (exposure) के बाद भारत को पुरे विश्व का फ़ूड किचन बनाने कि ओर अग्रेसर हैं। स्थानीय कच्चा माल यहाँ आसानी से प्रचुर मात्रा में प्राप्त किया जा सकता है हम किसी भी स्वाद को बेहतरीन क्वालिटी में बनाकर इसे निर्यात कर सकते हैं जो हमारे देश के लिए एक बहोत ही अच्छा फॉरेन एक्सचेंज मिलेगा। जहाँ तक पैकेजिंग का सवाल है, सभी तरह कि पैकेजिंग में भारत में इन्नोवेशंस हो चुकी हैं , चाहे वह पेपर हो , गिलास हो, टिन हों, बॉक्स हों, प्लास्टिक हों कई तरह कि पैकेजिंग हैं। इंडस्ट्री बड़े लेवल पर हर साल कुछ न कुछ नया कर के कुछ RnD ‘s के साथ नई नई चीज़ों में आगे बढ़ रहे हैं और इनको तरक़्क़ी हासिल हो रही है। पैकेजिंग और प्रोसेसिंग को लेकर हम एक अच्छे लेवल पर है। इंडस्ट्री में जो पिछले 20 सालों में डेवेलोप हुआ है स्नैक्स और नमकीन को लेकर, अब हम कह सकते हैं कि हमारी नमकीन पूरी तरह से ऑटोमेशन पर आ चुकी है , एक तरफ से कच्चा माल डाला जाता है और दूसरी ओर से डब्बे पैक होते रहते हैं।
भारत के जितने भी बड़े निर्माता हैं नमकीन और स्नैक्स के वह लगभग सभी इन आटोमेटिक मशीन्स पर काम कर रहे हैं जहाँ एक से बढ़ कर एक ‘स्टेट ऑफ़ दह आर्ट’ फैक्ट्री देखने को मिलती है। इसी से मिलते झूलते कुछ सवाल हमने अपने इन्टर्वियूवर्स (interviewers) से किये हैं। हमे उम्मीद है कि उनके विचार आप को अच्छे लगेंगे ओर पढ़ने वालों को उस से लाभ ज़रूर प्राप्त होगा।
लोकप्रिय स्नैक फूड्स (Namkeen)
भारतीय व्यंजनों में विशिष्ट नमकीन स्नैक्स में खारा, फरसान, चिवड़ा, सेव, चिप्स और भुजिया शामिल हैं। इंदौर के नमकीन और रतलाम दो ऐसे क्स हैं जो अपने स्वाद के लिए काफी मशहूर हैं। कुछ अन्य भारतीय स्नैक्स हैं जिनमें भिन्न स्वाद दिए जाते हैं, जिनमें से कुछ मूल अनाज से बने होते हैं ।
आज हम बात कर रहे हैं होली के त्यौहार की जो इस समय तेज़ी से हमारी ओर ख़ुशी ख़ुशी भागा चला आ रहा है और तैयारियाँ अपनी चरम सीमा पर है, चाहे वह खाने-पीने की चीज़ें हों या रंगों की बहार हो!! वसंत ऋतु भारत के लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है और होली के नाम से जाना जाता है। पूरे देश में इस का उल्हास बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार पर, लोग नमकीन, गरम-मा-गरम स्नैक्स, दही भल्ले और अपने प्रियजनों के साथ मिलकर त्यौहार मना कर खानों की फ़रमाइश की जुठ जाते हैं । और क्योँ ना करें, होली का त्यौहार जो ठहरा!!!
यह हम भली भांति जानते हैं की नमकीन में अनगिनत स्वाद हैं और हर प्रांत, हर इलाक़े की अपनी स्पेशिएलिटी है। MNT मैगज़ीन ने नमकीन मैनुफक्चरर्स से कुछ सवालों के फीडबैक लिए और उनके जवाब हमने एक स्टोरी के रूप में पेश करने की चेष्टा की है। उम्मीद है यह स्टोरी कई पॉइंट्स पर रौशनी डालेगी।
नमकीन में कितने स्वाद?
पहला उत्तर मुदित गोयल, कुंजीलाल दाल सेव से है और उनका मानना है की – जैसे की होली विभिन्न रंगों का त्यौहार है, वैसे ही स्वाद में विभिनता और उपयोग के हिसाब से नमकीन भी भिन्न-भिन्न प्रकार की होने लगी हैं । साधारणतः कई प्रकार के सेव, नमकीन भुजिया एवं दही भल्ले के भी कई प्रकार के चटपटे स्वाद आज बाज़ार में उपलब्ध हैं। आज नमकीन का दायरा बढ़ते हुए नमकीन भुजिया तक आ गया है। हमारे प्रतिष्ठानों पर होली के अवसर पर विशेष 15 से 20 प्रकार के नमकीन मिलते हैं।
साथ ही अग्रवाल फ़ूड प्रोडक्ट्स से बालकिशन गुप्ता, लालजी नमकीन ने उत्तर दिया। उनके अनुमान से नमकीन की श्रंखला में अनगिनत स्वाद होने के बावजूद, जिन में सब से ज़्यादा डिमांड हैं वह कम से कम 15 नमकीन की है।
हमने यही सवाल अमित कुमार अग्रवाल, मारवाड़ी स्नैक्स फूड्स से किया और उनका जवाब भी बालकिशन जी से तक़रीबन मिलताझुलता रहा । उन्होंने कहा की लगभग 8 से 10 तरह के नमकीन हर नमकीन वाला अपनी सेल्स के लिए बनता है।
सवालों का सिलसिला आगे बढ़ाया और अनूप अग्रवाल, बंसल स्नैक्स ने भी अपना कहा रखा की बाज़ार में नमकीन की कई क़िस्में उपलब्ध हैं लेकिन हम रोस्टेड स्नैक्स में डील करते हैं जो अन्य नमकीन से अलग हैं। तो हमारा अनोखा उत्पाद USP में से एक है। हमारे पास रोस्टेड स्नैक्स की कुल 50 वैराइटीज़ हैं जिनका हम वर्तमान में निर्माण कर रहे हैं।
अनिल जैन, उपासना नमकीन, भुना हरियाणा से हैं और इन का जवाब है बीकानेरी, चना दाल, मूंग दाल, नवरत्न टेस्टी, आलू भुजिया आदि ऐसे कई फ्लेवर्स हैं जो हर नमकीन वाला बनाता है। जितने भी नमकीन बाज़ार में बनते हैं और बिकते हैं उन में बहुत वैराइटीज़ हैं। हर राज्य का, हर प्रांत का अपना ही स्वाद और टेक्सचर होता है।
नमकीन के अनोखे फ्लेवर्स और उनकी डिमांड
देखा जाता है की कई नमकीन ऑन- डिमांड भी बनाये जाते हैं। जैसी डिमांड कंस्यूमर की आती है और वह वाक़ई में अच्छा है तो मैनुफक्चरर्स उसे थोक में बनाते हैं और वह नमकीन या स्नैक्स लोकप्रिय भी बन जाते हैं । इस तरह के इनोवेशन बहुत सी वैराइटीज़ को जन्म देते हैं और कस्टमर्स के लिए चॉइज़ की भरमार बन जाती है, और होली के अवसर पर तो बेशुमार नमकीन का प्रदर्शनी दुकानों में देखा जा सकता है । त्यौहार का मज़ा आ जाये तो मिठाई बनाने वालों मेहनत सफल हो जाये।
मुदित जी का मानना है की होली पर नमकीन जैसे दालसेव, शाही मिक्सचर, आलू लच्छा, एवं पोपला चना की ग्राहकों के बीच में सदैव मांग रहती है और इस अवसर पर तो इनका हमेशा प्रीऑर्डर रहता है साथ ही साथ मिनी समोसा, सुखा दही भल्ला और जैन दालसेव की भी मांग बहुत रहती है।
अब के बरस, बालकिशन जी ने भी होली के लिए कुछ नमकीन में तैयारियाँ की हैं -लालाजी स्पेशल मिक्स, डबल लोंग सेव, कोटा कड़के, सिंघाड़ा जैसे नमकीन के उत्पाद शुरू कर दिए हैं ताकि होली पर सब व्यंजन तैयार मिलें ।
चार फ्लेवर्स रायता-बूंदी में बनाते हुए अमित जी ने इस में अलग-अलग फ्लेवर्स का वर्णन किया, “हमारे यंहा की रायता बूंदी स्पेशल है जो 4 फ्लेवर में बनाते है हम, सादा, मसाला, पोदिना और लहसुन फ्लेवर में।
अनूप जी ने अपने नमकीन प्रोडक्ट्स के बारे में बताया की 5 ग्रेन मिक्स सॉल्टेड हमारे प्रमुख बिकने वाले उत्पादों में से एक है। इसमें भुना हुआ सोयाबीन, भुना हुआ मकई, भुना हुआ गेहूं, भुना हुआ बाजरा और चना शामिल हैं। यह हमारे अधिकांश ग्राहकों द्वारा पसंद किया जाता है और उनका हर ऑर्डर इस उत्पाद के बिना अधूरा है। हम पिछले 20 वर्षों से इस उत्पाद का निर्माण कर रहे हैं। यह हमारा सिग्नेचर प्रोडक्ट है। पिछले 2 साल से हमने रोस्टेड फ्लेक्स से भी शुरुआत की है। हम इन उत्पादों की अच्छी प्रतिक्रिया देख रहे हैं, विशेष रूप से 9-In-One उत्पाद जिसमें ब्लैक व्हीट फ्लेक्स, ब्राउन व्हीट फ्लेक्स, क्विनोआ फ्लेक्स, बकव्हीट फ्लेक्स, कॉर्न फ्लेक्स, ज्वार शामिल हैं।
अनिल जी ने भी होली पर उनके बनाये हुए नमकीन की डिमांड बताई, “मेरे पास सादा मिक्चर और हाथ की बनाई हुई बीकानेर भुजिया की डिमांड ज़्यादा होती हैं जो हम बख़ूबी पूरा करते हैं। ग्राहक ख़ाली हाथ नहीं जा सकता हमारे यहाँ से,” अनिल जी ने हस्ते हुए कहा।
सर्वाधिक वांछित स्वाद
हज़ारों फ्लेवर्स मार्केट में हैं, कुछ हिट हैं, कुछ सुपर हिट और इसी तरह से फ्लेवर्स का सिलसिला चलता रहेगा। लोग अब ज़्यादा से ज़्यादा ट्रेवल कर रहे हैं और तरह-तरह के खाने की फ़रमाइश करते हैं जिनकी रेसिपीज़ भी अलग होती हैं, तो उसी हिसाब से ज़ायके में रद्दोबदल करनी पड़ती है। नमकीन का भी वही ट्रेंड है, अगर मार्केट में सर्वाइव करना है तो यहाँ RND बहुत ज़रूरी है ।
इसी ट्रेंड को मद्देनज़र रखते हुए बालकिशन जी ने अपने नमकीन जैसे लोंग सेव, भुजिया, कोटा कड़के, खट्टा-मीठा मिक्स को महत्त्व दिए है जो उनके रनिंग प्रोडक्ट्स हैं।
साथ ही अमित जी ने अपने प्रोडक्ट का ज़िक्र करते हुए बताया, “यूं तो सबसे ज्यादा हमारी रायता बूंदी ही चलती है, बाकी मार्केट में भुजिया, मिक्सचर, लॉन्ग सेव, ज्यादा चलते हैं ।
मुदित जी का मानना है की विभिन्न प्रकार की भुजिया, मिक्सचर, ड्राईफ्रूट नमकीन और हाई-टी (Hi-Tea) नमकीन आज मार्केट में सबसे ज़्यादा पसंद किए जा रहे हैं।
अनूप जी ने अपने उत्पादों के बारे में चर्चा की है जिनकी अच्छी प्रतिक्रिया है और वे हैं: 5 ग्रेन मिक्स सॉल्टेड, क्विनोआ फ्लेक्स मिक्स क्लासिक मसाला, क्विनोआ फ्लेक्स मिक्स ड्राइड हर्ब्स, ९-in १ फ्लेक्स मिक्स, ज्वार फ्लेक्स मिक्स, न्यूट्री-डाइट मिक्स, ब्लैक व्हीट फ्लेक्स मिक्स हैं।
इस मुद्दे पर अनिल जी ने सरलता से उत्तर दिया की कंस्यूमर मार्केट में सबसे ज़्यादा चलने वाला फ्लेवर बीकानेरी भुजिया है।
नमकीन के भविष्य में योगदान
बालकिशन जी ने मार्केट का अनुमान लगते हुए कहा की नमकीन मार्केट का भविष्य उज्वल है… और मार्केट नित नई उचाइयाँ छू रहा है, और आगे बढ़ता ही जा रहा है, या फिर यह भी कहा जा सकता है जिस हिसाब से लोगों में नमकीन को लेकर रुझान है और हर प्लेट में जरूरी होता जा रहा है… अभी स्वर्ण काल आना बाक़ी है…
मेरा योगदान यह रहेगा की मैं पूरी ईमानदारी से सर्वोतम क्वालिटी देने के बद्ध रहूँ ताकि जो नमकीन को लेकर आम जनता की मानसिकता बदली है, इस फास्ट फ़ूड के युग में, मैं उसे भी बरकरार रख सकूं, अच्छे स्वाद और अच्छे क्वालिटी के कारण एक अच्छा माहोल दे पाऊं।
फ्यूचर ऑफ़ नमकीन के बारे में अमित जी ने सकारात्मक उत्तर दिया और कहा की नमकीन में बहुत स्कोप है अगर अच्छी प्लानिंग के साथ नमकीन की मार्केटिंग की जाए, और नमकीन की ख़ासियत कंज्यूमर तक पंहुचाई जाए तो बेशक नमकीन इंडस्ट्री का बोलबाला क़ायम रहेगा । नमकीन में इतने प्रोडक्ट्स यूज़ होते हैं उनको खाने के फायदे बताने होंगे। नमकीन की क्वालिटी के लिए सजग होना बहुत जरूरी है, हमे हमारे ग्राहक को अच्छे से अच्छा देने की कोशिश की जानी चाहिए।
अपनी सहमति देते हुए मुदित जी ने भी पॉज़िटिव रिप्लाई दिया – और कहा की, बिल्कुल सही है क्योँ की आने वाले वर्षों में भारत का नमकीन मार्केट नए आयाम स्थापित करेगा जैसे कि वैश्वीकरण बहुत ही शीघ्रता से हर खाद्य पदार्थों में बढ़ रहा है उसका लाभ भारतीय नमकीन को भी मिलना तय हैं और हमारे भारतीय नमकीन में अग्रणी ब्रैंड्स भी अपनी पहचान वेबसाइट, इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से विदेशों में पहुंचाने में सफल हो रहे हैं।
हमने भी गत 2 वर्षों में अपनी वेबसाइट के माध्यम से देश के तक़रीबन 87 शहरों में अपने नमकीनों का स्वाद पहुंचाया है और 2022 में विदेशों तक भी अपनी शुगम सप्लाई वेबसाइट के माध्यम से पहुंचाने का उद्देश्य है।
अनूप जी ने अपने विचारों को स्पष्टता देते हुए कहा, “उपभोक्ताओं की वर्तमान आहार योजनाओं को देखते हुए भुना हुआ नमकीन का आगामी बाज़ार बढ़ने जा रहा है। लोगों में हेल्थ अवेर्नेस बढ़ने पर तेल-मुक्त/कम तेल के विकल्पों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। लोग आजकल अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हैं और अधिक स्वस्थ भोजन विकल्प पसंद कर रहे हैं। इसलिए मेरा मानना है कि रोस्टेड नमकीन मार्केट में तेज़ी आने वाली है। हम अधिक विकल्पों पर काम कर रहे हैं जो हम उपभोक्ताओं को पोषण मूल्यों, स्वाद और स्वाद के संदर्भ में प्रदान कर सकते हैं। हम स्नैक्स को चिह्नित करने के लिए अनाज की नई किस्मों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जैसे हमने एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर ब्लैक व्हीट रोस्टेड स्नैक्स के साथ किया था, वैसे ही हम ऐसे समाचार उत्पादों पर काम कर रहे हैं जिन्हें हम विश्व मिठाई और नमकीन कन्वेंशन में प्रदर्शित कर सकते हैं, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि यह नए उत्पादों को प्रदर्शित करने और एक उद्योग प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छी प्रदर्शनी है।
अनिल जी ने भी प्रण लिया की यह इंडस्ट्री आने वाले समय में ज़रूर नई बुलंदियों तक पहुंचेगी । मैं और ज़्यादा हाइजीन व ऑटोमेशन पर ध्यान रखूंगा और चाहूंगा की अपना बेस्ट इंडस्ट्री को और कंस्यूमर्स को दे सकूं।