हमारी समृद्ध विरासत की प्रेरणा से हमें ऐसी दुनिया बनानी है, जो हमारे ग्राहकों, उपभोक्ताओं, हमारे लोगों और आसपास के समुदायों के लिए भरोसेमंद हो
नई दिल्ली, 3 जून, 2021 : हम जिस पर्यावरण में रहते हैं, वह हमारे स्वास्थ्य और हमारी धरती के लिए ही अहम नहीं है, बल्कि हमारी अगली पीढ़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमारा मानना है कि जिस दुनिया में हम रह रहे हैं, उसकी रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी की शुरुआत हम से होती है। विश्व पर्यावरण दिवस आने वाला है और केक, पिज्जा, सैंडविच और अन्य में यूरोपीय विरासत (1891 से प्लेजर फूड के मामले में यूरोपीय विरासत) के साथ डॉ. ओटकर कंपनी ने ग्रुप का ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी चार्टर साझा किया है और उन कदमों की चर्चा की है, जो भारत में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए हैं।
डॉ. ओटकर ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी चार्टर 3 स्तंभों पर केंद्रित है – फूड, वर्ल्ड और कम्युनिटी। स्वस्थ एवं सस्टेनेबल लाइफस्टाइल की उपभोक्ताओं की जरूरत को समर्थन देने, क्लाइमेट न्यूट्रलिटी हासिल करने और पर्यावरण की दिशा में कर्मचारियों की उम्मीदों व नियोक्ताओं की जिम्मेदारी को पूरा करने की दिशा में कई प्रोजेक्ट संचालित किए जा रहे हैं और भारत एवं दुनियाभर में इन पर काम चल रहा है।
सस्टेनेबिलिटी चार्टर को लेकर डॉ. ओटकर इंडियन सबकॉन्टिनेंट के सीईओ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्री ओलिवर मिर्जा ने कहा, ‘सामाजिक रूप से जिम्मेदार संगठन के तौर पर डॉ. ओटकर कंपनी लोगों एवं अपनी धरती के प्रति जिम्मेदारियों को पहचानती है। डॉ. ओटकर सस्टेनेबिलिटी चार्टर को लागू करते हुए हम बेहतर लाइफस्टाइल को लेकर ग्राहकों की जरूरत को ध्यान में रखते हैं, पूरी सप्लाई चेन के दौरान बेहतर एवं सस्टेनेबेल परिस्थितियां सुनिश्चित करते हैं और अपने इकोलॉजिकल फुटप्रिंट को न्यूनतम करते हैं। इन सबके साथ हम यहां डॉ. ओटकर में उच्च गुणवत्ता के प्लेजर फूड तैयार करते हैं तथा विभिन्न प्रोडक्ट रेंज के साथ ग्राहकों को बेहतर सॉल्यूशन प्रदान करते हैं।’
फूड प्रोसेसिंग प्लांट में बड़ी मात्रा में पानी की जरूरत होती है और ऐसे में राजस्थान जैसे प्रदेश में डॉ. ओटकर के लिए ऐसा प्लांट लगाने के बारे में सोचना भी असंभव था (और काफी हद तक गैर जिम्मेदाराना भी था)। इसलिए प्लांट के निर्माण के समय ही टीम को पानी एवं ऊर्जा संरक्षण के कदमों के महत्व के बारे में बता दिया गया था। राजस्थान के कहारानी स्थित डॉ. ओटकर प्लांट में सस्टेनेबिलिटी एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदम निम्नलिखित हैं।
हर दिन, हर प्रकार से जिम्मेदारी से कदम उठाया जाता है। 14 एकड़ में 50000 टन की मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता के साथ जीरो डिस्चार्ज प्रोडक्शन सुनिश्चित किया जाता है। मैन्यूफैक्चरिंग के दौरान बनने वाले सभी अपशिष्ट को ट्रीट किया जाता है और फैक्ट्री में ही उनका पुन: इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ-साथ वर्षा जल संचयन पर भी फोकस किया जाता है और प्लांट में सालाना 1,00,000 टन जल संचयन होता है। पानी का उपभोग कम करने के प्रयास के तहत एयर कूल्ड चिलर्स का इस्तेमाल करते हुए रोजाना 50 किलोलीटर पानी बचाया जाता है। प्लांट में जहां भी संभव है, वहां ऊर्जा संरक्षण एवं प्राकृतिक गैस के प्रयोग के कदम भी उठाए गए हैं।
मिर्जा ने कहा, ‘हम व्यापक स्तर पर शीशे का प्रयोग करते हैं। बड़ी खिड़कियों और स्काईलाइट्स की मदद से प्राकृतिक प्रकाश मिलता है और एलईडी लाइटिंग पर निर्भरता कम होती है। कहारानी के खुले इलाके में आंधी के दौरान शीशे का इस्तेमाल बड़ी चुनौती था। निर्माण के दौरान एक बार स्काईलाइट उड़ गई थी। हालांकि इस कदम से रोजाना 100 किलोवाट बिजली बचाने में मदद मिली है। हमने पूरे प्लांट में डबल ग्लेज्ड विंडो का इस्तेमाल किया है, जो केवल एनबीसी के दिशानिर्देशों के अनुरूप ही नहीं है, बल्कि इसे एयरकंडीशनिंग के साथ-साथ ऊर्जा संरक्षण को भी ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने पूरी फैक्ट्री को मोटी इंसुलेशन लेयर से इंसुलेट किया है। बॉयलर और बेक लाइन को चलाने के लिए डीजल के स्थान पर प्राकृतिक गैस का प्रयोग किया जाता है। ऐसा हर छोटा कदम बड़े बदलाव लाता है।’
फैक्ट्री में एलईडी लाइट के इस्तेमाल से बिजली के उपभोग को 15 प्रतिशत से अधिक घटाने में मदद मिली है। डबल ग्लेज्ड ग्लास के साथ पूरी फैक्टी को इंसुलेट करने से बिजली की खपत 25 प्रतिशत कम हुई है।
पानी के अलावा, अपशिष्ट व ऊर्जा संरक्षण के कदमों के जरिये डॉ. ओटकर 2021 तक 1020 टन प्लास्टिक कचरे को प्रोसेस करते हुए प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में एक समर्पित टीम बनाने से बहुत मदद मिली है। पैकेजिंग मैटेरियल को ऑप्टिमाइज करने से 2.16 टन प्लास्टिक और 1 टन कागज का इस्तेमाल कम करने में मदद मिली है।
एक अन्य टीम इनोवेटिव प्रोडक्ट्स बनाने पर फोकस करती है, जिससे स्वस्थ एवं सस्टेनेबल लाइफस्टाइल के साथ ग्राहकों को शानदार फूड एक्सपीरियंस मिले। उदाहरण के तौर पर फ्लेवर एनहांसर के तौर पर इस्तेमाल होने वाले मोनो सोडियम ग्लूटामेट का प्रयोग पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
विविधता को बढ़ावा देते हुए सबके लिए जीरो डिस्क्रिमिनेशन और लिविंग वेज समुदायों के सहयोग की दिशा में कंपनी का एक और कदम है।
डॉ. ओटकर सस्टेनेबिलिटी चार्टर सामाजिक विकास का भी प्रतिबिंब है, जिसका लक्ष्य गतिविधियों में जलवायु संरक्षण, पशु कल्याण और विविधता से जुड़े मुद्दों को ध्यान में रखना है। साथ ही, डॉ. ओटकर की गतिविधियों में स्वास्थ्य के प्रति उपभोक्ताओं में बढ़ती जागरूकता की झलक भी दिखती है, जिनके लिए सस्टेनेबल न्यूट्रिशन बहुत अहम हो चुका है। कंपनी अपने सस्टेनेबल लक्ष्य में इन बातों का भी ध्यान रखती है।
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ओटकर ग्रुप के बारे में
ओटकर ग्रुप एक जर्मन समूह है, जिसकी स्थापना 1891 में हुई थी। वर्तमान समय में चार अलग-अलग बिजनेस डिवीजन 1) कॉन्टिनेंटल प्लेजर फूड, 2) बीयर, 3) स्पार्कलिंग वाइन और 4) लक्जरी होटल के जरिये यह जर्मनी में किसी परिवार द्वारा संचालित सबसे बड़ा डायवर्सिफाइड औद्योगिक समूह है, जिसमें 34,000 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं।
डॉ. ओटकर कंपनी के बारे में
डॉ. ओटकर जर्मनी के ओटकर ग्रुप के प्लेजर फूड डिवीजन का हिस्सा है और यूरोप के अग्रणी फूड मैन्यूफैक्चरर्स में शुमार है। केक, डेजर्ट, पिज्जा और पिज्जा स्नैक्स में इसका विस्तृत प्रोडक्ट पोर्टफोलियो है और दुनियाभर में 50 से ज्यादा देशों में इसकी मौजूदगी है।
डॉ. ओटकर इंडिया की स्थापना 2008 में हुई थी। इसे मुख्य रूप से फनफूड्स स्प्रेड्स ब्रांड के लिए जाना जाता है। साथ ही इसके पोर्टफोलियो में डॉ. ओटकर के वैफल्स, केक, डेकोर व कई अन्य प्रोडक्ट भी शामिल हैं। डॉ. ओटकर प्रोफेशनल विभिन्न प्रसिद्ध क्यूएसआर, होटल, रेस्टोरेंट, कैफे, कैटरर्स व अन्य के लिए एक अग्रणी सॉल्यूशन प्रोवाइडर के तौर पर काम करता है। यह केक, डेजर्ट, पिज्जा एवं अन्य श्रेणियों में सॉल्यूशन प्रदान करता है।
1891 से अपनी यूरोपीय विरासत के साथ डॉ. ओटकर अपने लोगों, उपभोक्ताओं, पर्यावरण और समाज के लिए प्रतिबद्ध है।