खजूर का रंग अन्य मेवों के संग
हम हर माह अपने पाठकों से कोई न कोई मिठाई या नमकीन के ‘‘न्यू प्रोडक्ट लॉन्च ‘‘को साझा करते हैं। यही नहीं बल्कि हम उस मिठाई को चुनते हैं जो उस माह में किसी न किसी ख़ास त्यौहार के सम्बन्ध में तैयार की गई हो।
आईए इस बार फिर हम आपसे इसी तरह की एक और मिठाई को साझा करते हैं जो कि पवित्र माह रमज़ान के लिए प्रमुख व पसंदीदा, और अनिवार्य है। हमारे मुसलमान बंधु इसे रमज़ान में रोज़ा इफ़्तार में सबसे पहले खाना पसंद करते हैं जो इनके इफ़्तार के लिए एक धार्मिक मान्यता के अनुसार एक महत्वपूर्ण नियम की तरह हैं।
खजूर मुख्यतः खाड़ी देश (Gulf Countries) का मेवा है जिसे विश्व में निर्यात भी करते हैं। खाड़ी देश में खजूर की बाग़बानी बड़े पैमाने पर की जाती है, जिसके कारण यह वहाँ की पहचान बन चुकी है।
भारत में खजूर की खेती चौथी शताब्दी ईसा पूर्व की है, जब सिकंदर महान इस मेवे को खाड़ी देश से भारत लाया था।
खजूर में कैलोरी तथा पौष्टिकता उच्च स्तर कि पाई जाती है। खजूर हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। खजूर की बढ़ती मांग के कारण, ख़ासकर रमज़ान के समय में, मिठाई वाले खजूर से कई प्रकार की स्वादिष्ट मिठाईयाँ बना रहे हैं।
छप्पन भोग से रविंद्र कुमार गुप्ता जी के द्वारा बनाई गई पहली ऐसी मिठाई जिसके बारे में हम अपने पाठकों को बताना चाहते हैं, वह है खजूर से निर्मित डेट्स-डेलिकेसी नामक मिठाई। डेट्स-डेलिकेसी में चार प्रकार की विदेशी स्टफ़िंग होती हैं, मैंगलोर से काजू, अफ़ग़ानिस्तान से पिस्ता, ईरान से बादाम और निर्जलित नारंगी। एक और विशेषता यह है कि इसकी प्राकृतिक विरासत में मिली मिठास के कारण इसका सेवन कोई भी व्यक्ति कर सकता है, भले ही उस व्यक्ति को शुगर की समस्या ही क्यों न हो। डेट्स-डेलिकेसी के निर्माता रवींद्र जी ने इसमें वृद्धिशील परिवर्तन कर के आज तक किए गए उत्पादों में भी सुधार किया है।
उदाहरण के लिए, खजूर, यह एक छोटे क्यूब के आकार की मिठाई है जिसमें काजू, बादाम और पिस्ता जैसे सूखे मेवे होते हैं, जो व्यक्ति के हर एक बाईट के साथ थोड़ा कुरकुरेपन को जोड़ता है। यह इनके ग्राहकों के बीच सबसे अधिक बिकने वाले व्यंजनों में से एक है। बिल्कुल इसी तरह से, इनके पास खजूर के पिरामिड और खजूर की टोकरी है। जैसा कि नाम से पता चलता है, खजूर को एक पिरामिड में और एक टोकरी के आकार में ढाला जाता है, जिसके अंदर सूखे मेवे भरे होते हैं। यह सारी डेलिकेसी डेट-बेरी, डेट-पिरामिड और डेट-बास्केट के नाम से मशहूर हैं।
यह मिठाई अनेक आकार में निर्मित की गई है जिसमें सूखे मेवे उसके स्वाद में चार चाँद लगा देते हैं। क्यों कि खजूर ख़ुद एक मेवा है इसीलिए हम इस मिठाई को “मेवे का संगम” भी कह सकते हैं।
भविष्य में, हम डेट्स-डेलिकेसी के निर्माता रविंद्र जी से आशा करते हैं कि वह अपने इन प्रोडक्ट्स में विविधता लाएंगे। यह भी ज्ञात हुआ है कि रविंद्र जी खजूर से बने अन्य व्यंजनों को उनके फ़ायदे और बढ़ती उपभोक्ता मांग के कारण मिठाई जगत से जोड़ने जा रहे हैं।