होली रिपोर्ट कार्ड: एक्स्पर्ट्स की मिली-झुली राय के अनुसार होली पर मिठाई व नमकीन के कारोबार में हुई 12-15 % की बढ़ौत्री

इस बार बेहतर बिक्री का अनुमान लगाते हुए, उपभोक्ता निर्माताओं ने ऐलान किया की खुदरा श्रृंखला और ऑनलाइन ग्रॉसर्स सहित स्टोर, 2021 की तुलना में…

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वैश्विक ट्रेंड्स की पराकाष्ठा: दुबई गल्फ़ूड  

मैं अब तक अपने सफ़रनामों में भारत के अलग-अलग राज्य एवं उनके प्रमुख शहरों का वर्णन करता आया हूँ जिसमें भारतीय सांस्कृतिक पकवान एवं उसके…

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आने वाला समय नमकीन इंडस्ट्री को नयी बुलंदियों पर ले जाने के लिए बेताब

दुनिया में सिर्फ़ एक ही ऐसा अनोखा देश जहाँ ऐसा मालूम होता की कई देशों को मिलाकर एक देश बन गया है। हमारा भारत, जहाँ हर तरह की संस्कृति और स्वाद को समिल्लित किया गया हो। यहाँ भाषा , स्वाद और वेशभूषा हर कुछ किलोमीटर्स के बाद बदल जाता है।  सिर्फ़ यही नहीं, लोगों की पसंद भी बदल जाती है। जो स्वाद भारत में पाए जाते हैं जैसे पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण एक दिशा से दूसरी दिशा तक पहुंचते-पहुंचते उसका स्वरुप पूरी तरह से बदल जाता है, जैसे उत्तर में हम ज़्यादा  मीठा और तीखा खाना पसंद करते हैं, वहीँ दक्षिण में खट्टा खाने पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है। ऐसा ही कुछ हाल पश्चिम का है कि यहाँ कि नमकीन पूरब पहुंचते पहुंचते मीठी हो जाती है। जैसे कलकत्ता और बिहार में ज़्यादा नमक खाया जाता है।  इसी तरह से मिठाई और नमकीन इंडस्ट्री में भी नमकीन और मिठाई का सफ़र एक शहर से दूसरे शहर तक बदलता रहता है और एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश तक काफ़ी हद्द तक विभिन्न हो जाता है। एक रसगुल्ला जो दिल्ली  में स्पंजी प्रकार का होता है वही कलकत्ता तक जाते जाते अपना रूप बदल देता है। जब वही रसगुल्ला मुंबई या तमिल नाडु या बैंगलोर पहुंचता है तो वह बिलकुल ही बदला हुआ जान पड़ता है। इसी तरह से सभी तरह कि नमकीन और मिठाई भी मिलती हैं। ख़ास तौर से नमकीन जो भारत में कई तरह से बनाई जाती हैं , हमने यह देखा है कि 520 से भी ज़्यादा तरीकों कि नमकीन बनाई जाती है। हमारी जानकारी के हिसाब से सब से ज़्यादा नमकीन ‘ओम नमकीन’, इंदौर  लगभग 400 प्रकार कि नमकीन इनकी फैक्ट्री में बनाई जाती है। ऐसा नहीं है कि एक कि जगह बनती हैं तो इन में समानताएं होंगी यह सब कि सब एक दूसरे से बिलकुल अलग और विभिन्न प्रकार कि नमकीन एक ही काउंटर से बेचीं  और खायी जाती हैं जिस में के मध्य प्रदेश के अलग अलग ज़िलों कि कई वैराइटीज़ हैं और भारत कि अलग-अलग राज्यों कि कई वैराइटीज़ हैं।  यही जब रतलाम पहुंचती है तो रतलामी सेव के रूप में पहुंचती है और अगर यही गुजरात और अहमदाबाद जाती है गाठिया के रूप में बेचीं और खायी जाती है और फिर यही भाकरवड़ी बन जाती है बरोडा तक पहुंचते पहुंचते । कई सदियों में इन नमकीन का सफ़र भारत पहुंचा है। पूरी दुनिया से जितने भी लोगों ने भारत आने का सफ़र किया है वह अपने साथ अपने स्वाद और अपना ट्रेडिशन भी साथ लाये हैं। कई बार हम इसका वर्णन अपने उल्लेख में कर चुके हैं ईरान से चला ‘सामसा’ यहाँ का ‘समोसा’ बना बैठा है और अरब से चली ‘जलपिया’ भारत में ‘जलेबी’ के नाम से मशहूर हो जाती है। आज समोसा और जलेबी भारत के मुख्य नाश्ते में गिने जाते हैं , इसी तरह से ईरान से चली ‘बिरयान’ भारत में ‘बिरयानी’ बन कर छा जाती है और भारत के हर ज़िले कि अपनी एक अलग पहचान बन जाती है, यही चीज़ हमने नमकीन में भी देखि है।  इसको हमने अपनी कहानी के माध्यम से नमकीन इंडस्ट्री के कुछ दिग्गजों से इस पर बात की है जिसको लेकर उनकी अपनी राय है। आज जिस तरह से सीज़निंग और मसलों के सिलसिले में उनके ऊपर अनुसंधान और विकास (RnD) के साथ काम किया जा रहा है, हम उसी वजह से ग्लोबल ट्रेंड्स पर भी काम कर रहे हैं कुछ ग्लोबल सीज़निंग और ग्लोबल स्वाद को भारत में इंट्रोड्यूस कर पा रहे हैं। ना सिर्फ़ ग्लोबल एक्सेप्टेन्स भारत में बढ़ रही हैं बल्कि इंडियन प्रोडक्ट्स की, स्नैक्स और नमकीन कि अक्सेप्टबिलिटी अब ग्लोबल मार्केट में बढ़ रही है। कुरकुरे जिसका जीता जगता उदाहरण है जो भारत में बनाया गया है और अमेरिकन मशीनों को इस्तेमाल कर के बनाया गया है जिसे एक मुख्य स्नैक कि तरह खाया जाता है उसका जो स्वाद है जो सीज़निंग है वह बदल जाती है।  …

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शेल्फ-लाइफ बढ़ाने से गुजिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल सकती है पहचान

होली एक लोकप्रिय प्राचीन हिंदू त्यौहार है, जिसे “प्यार का त्यौहार “, “रंगों का त्यौहार ” और “वसंत का त्यौहार ” के रूप में भी जाना जाता है। होलिका और प्रह्लाद की कहानी के साथ होली के उत्सव में राधा कृष्ण का शाश्वत और दिव्य प्रेम भी शामिल है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह रंगारंग त्यौहार लोगों को एक करता है और जीवन से हर तरह की नकारात्मकता को दूर करता है। मिठाई हमेशा से ही त्यौहारों का एक अभिन्न अंग रही है और होली का त्यौहार इस से अलग नहीं है। मिठाइयों का आदान-प्रदान…

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