खजूर का रंग अन्य मेवों के संग हम हर माह अपने पाठकों से कोई न कोई मिठाई या नमकीन के ‘‘न्यू प्रोडक्ट लॉन्च ‘‘को साझा…
View More Product of the MonthCategory: Articles
A brief outlook on the halal food industry’s market and trends
Present Scenario: The Growing MarketThe global halal food market reached a value of US $1,978 billion in 2021. The market is expected to reach US…
View More A brief outlook on the halal food industry’s market and trendsHistory
Given Lucknow’s history of having a profusion of thick Awadhi curries and gravies, having a variety of bread alternatives to soak it all up is…
View More HistoryHas the snacking segment transformed? How about its future?
By Dawinder Pal, Head of Marketing at Bikano The answer to the first question is a resounding—YES! Snacking, as a practice and sector, has transformed…
View More Has the snacking segment transformed? How about its future?होली रिपोर्ट कार्ड: एक्स्पर्ट्स की मिली-झुली राय के अनुसार होली पर मिठाई व नमकीन के कारोबार में हुई 12-15 % की बढ़ौत्री
इस बार बेहतर बिक्री का अनुमान लगाते हुए, उपभोक्ता निर्माताओं ने ऐलान किया की खुदरा श्रृंखला और ऑनलाइन ग्रॉसर्स सहित स्टोर, 2021 की तुलना में…
View More होली रिपोर्ट कार्ड: एक्स्पर्ट्स की मिली-झुली राय के अनुसार होली पर मिठाई व नमकीन के कारोबार में हुई 12-15 % की बढ़ौत्रीFood Tax Frenzy: The Impact of High Tax on HFSS Food Products ?
“Government could consider taxing food items high on sugar, fat and salt content and which don’t have front-of-the-pack labelling. But the food industry finds this…
View More Food Tax Frenzy: The Impact of High Tax on HFSS Food Products ?वैश्विक ट्रेंड्स की पराकाष्ठा: दुबई गल्फ़ूड
मैं अब तक अपने सफ़रनामों में भारत के अलग-अलग राज्य एवं उनके प्रमुख शहरों का वर्णन करता आया हूँ जिसमें भारतीय सांस्कृतिक पकवान एवं उसके…
View More वैश्विक ट्रेंड्स की पराकाष्ठा: दुबई गल्फ़ूडआने वाला समय नमकीन इंडस्ट्री को नयी बुलंदियों पर ले जाने के लिए बेताब
दुनिया में सिर्फ़ एक ही ऐसा अनोखा देश जहाँ ऐसा मालूम होता की कई देशों को मिलाकर एक देश बन गया है। हमारा भारत, जहाँ हर तरह की संस्कृति और स्वाद को समिल्लित किया गया हो। यहाँ भाषा , स्वाद और वेशभूषा हर कुछ किलोमीटर्स के बाद बदल जाता है। सिर्फ़ यही नहीं, लोगों की पसंद भी बदल जाती है। जो स्वाद भारत में पाए जाते हैं जैसे पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण एक दिशा से दूसरी दिशा तक पहुंचते-पहुंचते उसका स्वरुप पूरी तरह से बदल जाता है, जैसे उत्तर में हम ज़्यादा मीठा और तीखा खाना पसंद करते हैं, वहीँ दक्षिण में खट्टा खाने पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है। ऐसा ही कुछ हाल पश्चिम का है कि यहाँ कि नमकीन पूरब पहुंचते पहुंचते मीठी हो जाती है। जैसे कलकत्ता और बिहार में ज़्यादा नमक खाया जाता है। इसी तरह से मिठाई और नमकीन इंडस्ट्री में भी नमकीन और मिठाई का सफ़र एक शहर से दूसरे शहर तक बदलता रहता है और एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश तक काफ़ी हद्द तक विभिन्न हो जाता है। एक रसगुल्ला जो दिल्ली में स्पंजी प्रकार का होता है वही कलकत्ता तक जाते जाते अपना रूप बदल देता है। जब वही रसगुल्ला मुंबई या तमिल नाडु या बैंगलोर पहुंचता है तो वह बिलकुल ही बदला हुआ जान पड़ता है। इसी तरह से सभी तरह कि नमकीन और मिठाई भी मिलती हैं। ख़ास तौर से नमकीन जो भारत में कई तरह से बनाई जाती हैं , हमने यह देखा है कि 520 से भी ज़्यादा तरीकों कि नमकीन बनाई जाती है। हमारी जानकारी के हिसाब से सब से ज़्यादा नमकीन ‘ओम नमकीन’, इंदौर लगभग 400 प्रकार कि नमकीन इनकी फैक्ट्री में बनाई जाती है। ऐसा नहीं है कि एक कि जगह बनती हैं तो इन में समानताएं होंगी यह सब कि सब एक दूसरे से बिलकुल अलग और विभिन्न प्रकार कि नमकीन एक ही काउंटर से बेचीं और खायी जाती हैं जिस में के मध्य प्रदेश के अलग अलग ज़िलों कि कई वैराइटीज़ हैं और भारत कि अलग-अलग राज्यों कि कई वैराइटीज़ हैं। यही जब रतलाम पहुंचती है तो रतलामी सेव के रूप में पहुंचती है और अगर यही गुजरात और अहमदाबाद जाती है गाठिया के रूप में बेचीं और खायी जाती है और फिर यही भाकरवड़ी बन जाती है बरोडा तक पहुंचते पहुंचते । कई सदियों में इन नमकीन का सफ़र भारत पहुंचा है। पूरी दुनिया से जितने भी लोगों ने भारत आने का सफ़र किया है वह अपने साथ अपने स्वाद और अपना ट्रेडिशन भी साथ लाये हैं। कई बार हम इसका वर्णन अपने उल्लेख में कर चुके हैं ईरान से चला ‘सामसा’ यहाँ का ‘समोसा’ बना बैठा है और अरब से चली ‘जलपिया’ भारत में ‘जलेबी’ के नाम से मशहूर हो जाती है। आज समोसा और जलेबी भारत के मुख्य नाश्ते में गिने जाते हैं , इसी तरह से ईरान से चली ‘बिरयान’ भारत में ‘बिरयानी’ बन कर छा जाती है और भारत के हर ज़िले कि अपनी एक अलग पहचान बन जाती है, यही चीज़ हमने नमकीन में भी देखि है। इसको हमने अपनी कहानी के माध्यम से नमकीन इंडस्ट्री के कुछ दिग्गजों से इस पर बात की है जिसको लेकर उनकी अपनी राय है। आज जिस तरह से सीज़निंग और मसलों के सिलसिले में उनके ऊपर अनुसंधान और विकास (RnD) के साथ काम किया जा रहा है, हम उसी वजह से ग्लोबल ट्रेंड्स पर भी काम कर रहे हैं कुछ ग्लोबल सीज़निंग और ग्लोबल स्वाद को भारत में इंट्रोड्यूस कर पा रहे हैं। ना सिर्फ़ ग्लोबल एक्सेप्टेन्स भारत में बढ़ रही हैं बल्कि इंडियन प्रोडक्ट्स की, स्नैक्स और नमकीन कि अक्सेप्टबिलिटी अब ग्लोबल मार्केट में बढ़ रही है। कुरकुरे जिसका जीता जगता उदाहरण है जो भारत में बनाया गया है और अमेरिकन मशीनों को इस्तेमाल कर के बनाया गया है जिसे एक मुख्य स्नैक कि तरह खाया जाता है उसका जो स्वाद है जो सीज़निंग है वह बदल जाती है। …
View More आने वाला समय नमकीन इंडस्ट्री को नयी बुलंदियों पर ले जाने के लिए बेताबHoli Special: 5 delectable items to add colour to your Holi party
While all Indian festivities are about having fun with loved ones, Holi is even more so. When you and all your cousins, aunts and uncles,…
View More Holi Special: 5 delectable items to add colour to your Holi partyThe Outstanding Mithai Competition
WMNC 21, Jaipur In a nutshell, healthy competition is the interaction between individuals or businesses that supports and fosters striving for better achievements while also…
View More The Outstanding Mithai Competition