घेवर, घूमर, सावन और तीज-राजस्थान के मीठी परंपरा की सौंधी ख़ुशबू।

रंगीलो सावण आयो रे  सुरंगो सावण आयो।  बरखा की बूंदा ल्यायो रे,  हटीलो सावण आयो।  आयो आयो तीज तिंवार, रमश्यां आंगणिये।  ऐसे ही गीत सुनाई…

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