आया रक्षाबंधन
यह त्यौहार, भाई और बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है। इस प्यार भरी डोरी को राखी कहते हैं। और भाई उसे हर बुराई से सुरक्षित रखने का वादा करता है। ज़िन्दगी के हर उतार-चढ़ाव में साथ देने की क़सम लेता है।
इस दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं जिसे शास्त्रों में रक्षासूत्र कहा गया है। भारत भूमि पर ऐसी अनेक सच्ची कथाएं हैं जब बहन ने अपने भाई के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया और भाई ने बहन को दिए वचन की रक्षा के लिए देश, मज़हब और जाति की दीवारों की परवाह नहीं की।
राखी का नाता श्री कृष्ण और द्रौपदी, रानी कर्णवती और हुमायूँ, के बीच भाई-बहन के संबंधों की कुछ रोमांचक कहानियों के साथ इतिहास रचा है, दिलों में स्नेह और जुबां पर रजवाड़ा बड़प्पन रखते हुए इन्होंने अपनी बहनों की रक्षा की ।
श्री कृष्ण -द्रौपदी की कथा
महाभारत में भगवान श्री कृष्ण और द्रौपदी की कहानी भी काफ़ी लोकप्रिय है। जब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया तब उनकी तर्जनी में चोट आ गई। यह देखकर द्रौपदी ने तुरंत साड़ी की छोर फाड़कर उनकी अंगुली पर पट्टी बांधी थी। यह घटना श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन की थी। कहा जाता है कि तभी से रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जाता है।
रानी कर्णवती और हुमायूँ की कहानी
कुछ ऐसी ही कहानी है रानी कर्णवती और हुमायूँ की जो आज भी लोकगीतों में इसका ज़िक्र होता है जब हुमायूँ एक राखी का संदेश पाकर अपनी मुंहबोली बहन की रक्षा करने के लिए चित्तौड़ चला आया।
हुमायूँ के देर से पहुंच ने पर बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर कब्ज़ा कर लिया और रानी कर्णवती ने चित्तौड़ की वीरांगनाओं के साथ जौहर कर लिया और अग्नि में समा गईं। यह ख़बर पर बाबर ने अफ़सोस कर बहादुर शाह पर हमला कर दिया और इस रण में हुमायूँ को विजय मिली और उसने पूरा शासन रानी कर्णवती के बेटे विक्रमाजीत सिंह को सौंप दिया। इस घटना को सैकड़ों साल गुजर चुके हैं। आज हुमायूँ नहीं हैं और न ही कर्णवती लेकिन कथा-कविताओं में इन भाई-बहन का रिश्ता अमर है।
आज भी जब कोई लड़की मुसीबत में होती है तो सबसे पहले वह अपने भाई ही से मदद की गुहार करती है, भाई को ही सब कुछ बताती है। कुछ गलत हो गया है, सलाह चाहिए, भाई का सहारा ढूंढती है।
राखी का हर अंग भाई-बहनों में जोश भर देता है। और जब आप बहन की बात कर रहे हैं, तो थाली तैयार करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि पवित्र गाँठ को बांधना।
राखी की थाली एक ऐसी थाली है जिसमें अनुष्ठान के लिए आवश्यक सभी चीज़ें होती हैं। दीया जलाना, भाई के माथे पर रोली और चावल लगाना, आरती करना, पवित्र राखी बांधना और भाई को उसकी पसंदीदा मिठाई से मुँह मीठा कराना, कुछ ऐसी सुंदर यादें हैं जिनका इस थाली में ख़्याल रखा जाता है।
रक्षाबंधन: श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त शाम से शुरू होगी और 22 अगस्त को सूर्योदय पर पूर्णिमा रहेगी। इसलिए 22 अगस्त को ही रक्षाबंधन का त्यौहार धूम धाम के साथ मनाया जाएगा।
यह त्यौहार विभिन्न धार्मिक समुदायों के लोगों के बीच एकता फैलाने का तरीक़ा है। यह त्यौहार भारत में विभिन्न मौजूदा धर्मों के बीच सद्भाव और शांति बढ़ाने के लिए जाना जाता है। अन्य समुदायों के लोग भी इसे मनाते हैं और इसे अवनि अवट्टम और कजरी पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है।
भारतीय मिठाई हर उत्सव का एक आंतरिक हिस्सा है और रक्षा बंधन कोई अपवाद नहीं है। इस त्यौहार के दौरान सभी प्रकार, आकार, रंग और स्वाद की मिठाईयाँ एक रंगीन और आकर्षक प्रदर्शन करती हैं। सभी मिठाईयाँ हर मायने में ख़ास और अनोखी होती हैं। इस उत्सव पर अविश्वसनीय रूप से स्वादिष्ट मिठाईयाँ उत्सव की मस्ती और मिठास को बढ़ा देती हैं।
मिठाई चाहे वह लड्डू हो, बर्फ़ी हो, पेड़ा हो, रसगुल्ला हो, गुलाब जामुन हो, काजू कतली हो या और कई अन्य दिल ललचाने वाली रक्षा बंधन पर तैयार की गयी मिठाईयाँ! सभी राखी की थाली में अपनी जगह बना लेती हैं और थाली की रौनक भी भिन्न प्रकार की मिठाईयाँ ही होती हैं।
आईये इस त्यौहार हम आप की मुलाक़ात करवाते हैं अपनी जाने-माने मिठाई मेकर्स से और जानते हैं की इस रक्षाबंधन इनकी क्या तैयारी हैं अपने कंस्यूमर्स को लुभाने के लिए:
योगेश गुप्ता मिठठन स्वीट्स हरियाणा से हैं और योगेश जी के हिसाब से मिठठन की तैयारी पूरे ज़ोर-शोर से है। उनका मानना है की त्यौहार हमेशा एक व्यक्ति के साथ-साथ पूरे परिवार के लिए भी एकता की भावना रखते हैं। त्यौहारों के दौरान मिठाई उपभोक्ताओं के लिए एक भावुक संदेश देती है। इस सीज़न में हम अपने उपभोक्ताओं को बेहद आकर्षक पैकेजिंग देने की कोशिश करेंगे और उनका उत्साह दोबाला करने की उम्मीद रखते हैं। ऐसे मौके पर अगर हम थोड़ी खुशियाँ बाँटलें तो क्या बात होगी !!!!
एक विस्तार-सा जवाब रोहित केसरवानी, हीरा हलवाई एंड सन्स, प्रयागराज (Allahabad) से आया है जिसे हम आगे पेश कर रहे हैं,‘ ‘यह बात बिल्कुल ठीक है की त्यौहारों का समय तेज़ी से आ रहा है, और मुँह मीठा करने के लिए मिठाई भी चाहिए। जैसे-जैसे समय बीत रहा है कस्टमर की नयी-नयी पसंद सामने आती रहती हैं। हाल ही में देखा गया है की कस्टमर नए-नए तरीक़े की मिठाईयाँ खाना चाहता है। इसलिए हम बिल्कुल ताज़ी मिठाईयाँ बनाते हैं जिनकी टिकने की क्षमता कम से कम एक हफ़्ता या 10 दिन तक रहती है, ताकि वह कस्टमर उन मिठाईयों को शहर से बाहर भी ले जाना चाहे तो बिना शक के आसानी से ले जा सकता है। यह मिठाईयाँ खराब नहीं होंगी क्यों की इनकी शेल्फ़-लाइफ़ काफ़ी होती है।
मिठाईयों की दुनिया में वैसे तो कई तरह की स्वादिष्ट मिठाईयाँ पाई जाती है जिनको लोग खाना पसंद करते हैं अपने रोज़ाना के खाने में। लेकिन त्यौहार हो या शादी या सालगिराह हो या कोई भी ख़ास अवसर, लोग इंतज़ार में रहते है और मिठाई खाने का मौका ढूँढ़ते हैं। हर तरह की, हर क़िस्म की मिठाई का एक विशेष और निश्चित समय लोगों ने बना रखा है। उपहार के लिए लोग ऐसी मिठाई का चुनाव करते हैं जो की उनके दोस्तों और रिश्तेदारों तक उसी तरह ताजा पहुंचे जिस तरह उन्होंने ख़रीदी है, यानी की ताज़ा महक और स्वाद के साथ’।
इसीलिए कंस्यूमर्स की इन ज़रूरतों को नज़र में रखते हुए ‘‘हीरा हलवाई‘‘ हमेशा ऐसी तकनीक का इस्तेमाल कर के ताज़ा मिठाईयाँ बनाते हैं जो कम से कम 1 हफ़्ता या 10 दिन तक ताज़ा रहे और उनके कंस्यूमर्स को पसंद भी आए। और अगर अपने रिश्तेदारों को भेजना हो या ले जाना हो तो उनको मिठाई के ख़राब हो जाने की चिंता न हो।
मुकेश केशवलाल देसाई, कृष्ण स्वीट्स, दाहोद से हैं। उनका विचार यह है की त्यौहार वह समय होता है जब सब लोग साथ होते हैं और एक दूसरे के नज़दीक आने से सभी खुश हो कर मिठाई से मुंह मीठा करने के लिए बहुत उत्सुक रहते हैं। हमारा पूरा ध्यान मिठाई की गुणवत्ता और हाइजीन लेवल पर होता है जहाँ देसी घी और ड्राई फ्रूट्स से बनी मिठाई ग्राहक की डिमांड के अनुसार बनाते हैं। हमारा यह बिज़नेस पिछले 75 साल का निचोड़ है और हर त्यौहार, हर सीज़न को ध्यान में रखकर, हम अपने प्रिय ग्राहक को संतुष्ट करने की पूरी कोशिश करने में लगे रहते हैं।
सपन सहा, राधा रानी रसगुल्ला भंडार, मथुरा के ओनर हैं और उनका कहा कुछ यूं है की हर त्यौहार का अपना एक मज़ा है, एक अलग उत्सव है, एक सेलिब्रेशन है। त्यौहारों का सीज़न आता है तो हम अपनी तैयारी कुछ अपने स्तर पर और कुछ अपने ग्राहक की मांग के आधार पर करते हैं। तैयारी पूरी होती है ताकी हर ग्राहक को अपनी चॉइज़ की मिठाई ज़रूर मिले।
गिरीश भारती, भारती मिठाईवाला, आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित पवित्र शहर वृंदावन (मथुरा, यूपी) में भारती समूह (Bharti Group) के MD हैं। वृंदावन चूंकि श्री कृष्ण की जन्म भूमि है यहाँ बहुत से तीर्थ यात्री श्री बांके बिहारी जी और अन्य मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं और प्राप्त करते हैं उनका आशीर्वाद। यहाँ हर त्यौहार बड़े उल्हास के साथ मनाया जाता है। रक्षाबंधन के समय गिरीश भारती जी के यहाँ घेवर व फेनी का विशेष रूप से चलन है। ऐसे अवसर पर घेवर व फेनी की सेल भी काफ़ी अच्छी होती है। घेवर और फेनी दो मिठाईयाँ बहुत नाज़ुक और ख़स्ता बनती हैं इसीलिए इनकी पैकिंग पर खास ध्यान देना पड़ता है।
घेवर और फेनी के आकार को बरकरार रखने के लिए हम इनकी पैकेजिंग पर विशेष ध्यान देते हैं और स्पेशल घेवर बॉक्स भी डिज़ाइन करवाते हैं।
अनिल सैनी भँवरीलाल मिठाईवाला, MHOW, MP से हैं। अनिल सैनी हर त्यौहार को बड़ी बारीकी से देखते हैं और उनके बारे में पूरी नॉलेज भी रखते हैं। अनिल सैनी ने कहा की, ‘‘जैसा की सब को पता है की रक्षा बंधन का त्यौहार बहुत बड़ा और एहम त्यौहार है और मिठाई के बगैर सब कुछ फीका-फीका रहता है। मिठाई की परम्परा तो बहुत पुरानी है लेकिन आज कल के ट्रेंड के हिसाब से नयी-नयी मिठाई की वैराइटीज़ बनने लगी हैं। त्यौहारों के समय मिठाईयों की डिमांड अधिक होने के कारण ऑटोमेशन की मदद से प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ाने की कोशिश रहती है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा ग्राहकों तक हमारी मिठाईयाँ पहुंच पाएँ।
अमित गोयल, MD, श्री मिष्ठान, चंडीगढ़ के रहनेवाले हैं और अपने काम और बिज़नेस को लेकर काफ़ी उत्सुक हैं। “बाज़ार के खुलने के साथ हम आगे के शानदार और बंपर सीज़न को लेकर बहुत आशान्वित हैं। हम नई गिफ्ट पैक रेंज के साथ-साथ कुछ नए उत्पाद लॉन्च कर रहे हैं। हम आने वाले सीज़न के लिए नई आक्रामक मार्केटिंग योजना भी देख रहे हैं“।
हर्षल वाघ, बूधा हलवाई स्वीट्स-नमकीन के डायरेक्टर हैं जो नाशिक, महाराष्ट्र से हैं और हर्षल को अपने कस्टमर्स का मन जीत ने के लिए कड़ी प्रयास कर रहे हैं। उनका मानना है की, ‘‘भारत में त्यौहारों में सबसे ज़्यादा महत्व मिठाई को दिया जाता है। हमारे कस्टमर्स का हम पर विश्वास बेहद है और उनका त्यौहार पर मुँह मीठा होना तो बहुत ज़रूरी है इसलिए, हमने कस्टमर्स के लिए ज़्यादा से ज़्यादा ताज़ी मिठाईयाँ उपलब्ध करने की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं, क्योंकि कस्टमर्स हमेशा फ्रेश मिठाई की डिमांड करते हैं और कन्फर्म भी करते हैं की “मिठाई फ्रेश है ना?‘‘ इसलिए हमने क्वालिटी कंट्रोल पर ज़्यादा ध्यान दिया है और किसी भी तरह की शोर्टेज मिठाईयों में ना हो उसका भी प्रबंध किया है‘‘।
मिठाई में नवीनता
लोग हमेशा खाद्य उत्पादों में नवीनता की खोज में रहते हैं। और हर मिठाईवाले को इस चुनौती का सामना करना पड़ाता है। रक्षा बंधन में अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आईये जानते हैं की उन्होंने क्या-क्या तैयारियाँ की हैं:
जैसे श्रृंखला चल रही है, हम बात करते हैं योगेश जी से। उन्होंने अपनी तैयारी की बात की है, ‘‘घेवर सब का ऑल-टाइम फेवरेट है इसलिए हमनें इस मानसून के मौसम में घेवर की क़िस्मों में वृद्धि की है और रक्षा बंधन के साथ हम बर्फ़ी उत्पादों की विभिन्न परतों को पेश करने के लिए तत्पर हैं।‘‘
चॉकोलेट्स का प्रचलन आज कल बहुत ज़्यादा देखा गया है क्योंकि कई तरह की नयी चॉकोलेट्स मार्केट में आने की वजह से हर कोई उसी फ़्लेवर को सब से ज़्यादा पसंद करने लगा है। तो कंस्यूमर की चोकोलेट की चॉइज़ को ध्यान में रखते हुए, रोहित केसरवानी ने खोए की मिठाई बनाना शुरू कि ताकि चोकोलेट का रंग और स्वाद दोनों दे सके। और एक सब से ज़्यादा बिकने वाली मिठाई है, वह है कच्चे नारियल की बनी हुई बर्फ़ी जिसमें नारियल का कच्चा गोला इस्तेमाल कर के उसे बनाया जाता है और उसकी शेल्फ़-लाइफ़ 4 दिन की होती है और उसकी मांग इतनी है मार्केट में की रोज़ उसका उत्पादन होता है और अगले दिन फिर बनती है।
सब मिठाईवालों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चल रहे मुकेश देसाई ने भी पेंडेमिक से बचने के लिए इस साल रक्षा बंधन के त्यौहार पर ग्राहकों की सेहत को मद्दे नज़र रखते हुए स्पेशल इम्युनिटी लड्डू बनाये हैं। जिसके अंदर सेलम हल्दी, ईरानी ममरा बादाम, पिस्ता, चिलग़ोज़े का प्रयोग किया है। सेहत से भरपूर यह लड्डू जितने मज़ेदार हैं उतने ही आकर्षित भी हैं।
जहाँ सब ने इस रक्षा बंधन पर नए-नए प्रोडक्ट्स लौन्च किये हैं, वहीं सपन साहा का इस सीजन इरादा नहीं था के कुछ लौन्च किया जाए। उन्होंने वक़्त की कमी बताते हुए कहा की, ‘‘इस सीज़न में तो नहीं, कोई नयी मिठाई बनाने की तैयारी कर पाए हैं क्योंकि हमें नए उत्पादन करने का समय नहीं मिला इसलिए इस सीज़न हम रेगुलर स्वीट्स में ही डील करेंगे‘‘।
घेवर बहुत ही स्वादिष्ट राजस्थानी मिठाई है जो गिरीश भारती ने तीन वैराइटीज़ में इसे इंट्रोडयूज़ किया है। ‘‘इस रक्षा बंधन हम घेवर में अलग-अलग साइज़ प्रोवाइड कर रहे हैं, एक है मिनी घेवर, दूसरी है मलाई घेवर और तीसरी है केसरिया घेवर जो हमारे नए उत्पाद हैं‘‘।
हर त्यौहार स्पेशल है और स्पेशल होती हैं इन में मिठाईयाँ। अनिल सैनी ने बताया की रक्षा बंधन में मिठाईयाँ वही बनती हैं जो भाइयों को पसंद है, जैसे खोपरा पाक, मक्खन वडा, काजू बर्फ़ी, बेसन लड्डू, एक अनोखी मिठाई है संगम मिठाई जो काजू और गुलकंद से बनती है। हमारे ग्राहकों की खुशी हमारी खुशी है और उनको खुश रखने के लिए त्यौहार आने से पहले ही तैयारियाँ और प्रोडक्ट्स लौन्च करने की प्लानिंग शुरू कर देते हैं। त्यौहार से एक महीना पहले हमारी RnD टीम मिठाईयों पर काम करना शुरू कर देती है क्योंकि अगर ऐन वक़्त पर मिठाई बनाएंगे और हमारे ग्राहकों को पसंद नहीं आई तो पूरी मिठाई बर्बाद होगी, इसलिए त्यौहार आने से पहले तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। खास ध्यान पैकेजिंग पर भी होता है ताकि ग्राहक मिठाई के स्वाद के साथ-साथ पैकेजिंग से अच्छी तरह परिचित हो जाए। इसी कारण भँवरीलाल की मिठाईयाँ MP में मशहूर हैं‘‘।
अमित गोयल ने नौजवान पीढ़ी को लेकर मिठाई को नये रूप से परिचित करने का प्रयास किया है। ‘‘हमारे पास परीक्षण के तहत कुछ नए उत्पाद हैं और हम नई फ़्यूजन मिठाई के साथ युवा पीढ़ी को आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो पारंपरिक भारतीय मिठाईयों और आयातित डेसर्ट का एक समामेलन होगा‘‘।
चूंकि हर्षल महाराष्ट्र से हैं, उन्होंने रक्षाबंधन से संबंधित एक और जानकारी दी। “यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें सभी प्रकार की मिठाईयों की डिमांड होती है। महाराष्ट्र में रक्षा बंधन के साथ ‘नारियल पूर्णिमा‘ भी होती जिसमें बहन भाई को राखी के साथ नारियल भी देती है। इसी कारण हमनें अपने कस्टमर्स को आकर्षित करने के लिए Coconut Barfi और एकदम स्पेशल Raksha Bandhan Katli जो coconut kaju katli से बनेगी, और (edible rakhi) जल्दी बनने वाली हैं ।
उपहार का लेन-देन
त्यौहारों पर उपहार का आदान – प्रदान काफ़ी प्रचलित है। पैकेजिंग की बात करें तो आज-कल के दौर में स्वच्छता और स्वाद को बनाए रखने में और शेल्फ़-लाइफ़ को बढ़ाने में इन्नोवेटिव पैकेजिंग बहुत प्रभावशाली है।
उपहार देने से प्रेम बढ़ता है और अगर सुंदर पैकिंग में हो तो दिल एकदम प्रफ़ुल्लित हो उठता है। योगेश गुप्ता ने बताया की पिछले 3-4 सालों में सभी मिठाईयाँ डिज़ाइनर बक्से के साथ दी गयी थीं। हमनें कुकीज़ और विभिन्न हैम्पर पैकिंग पेश किए हैं। लोगों का ट्रेंड बदल रहा है। वे अब पारंपरिक मिठाई के बजाय हैम्पर्स और मिठाई की अलग-अलग पैकेजिंग की ओर उनका झुकाव बढ़ रहा हैं। जितनी आकर्षक पैकिंग उतनी बड़ी सेल। इस पेंडेमिक के चलते अब तो पैकेजिंग अनिवार्य हो गयी है। पैकेजिंग प्रोडक्ट्स को कितनी सुंदरता प्रदान करती है उसका कोई उल्लेख नहीं। अब तो कंस्यूमर्स त्यौहारों से हटकर भी पैक प्रोडक्ट्स ख़रीदना पसंद करते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए रोहित केसरवानी अपने प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग बदलते रहते हैं, ताकि इससे हाइजीन भी बनी रहे और उनकी बनाई हुई मिठाई और पैकिंग सब को आकर्षित लगे।
‘‘दो साल से Covid से लोग परेशान हैं और लॉकडाउन काम करने नहीं देता, इस माहौल में बिज़नेस कैसे करें? ‘‘, सपन साहा ने कहा। ‘‘हमने त्योहारों पर कोई गिफ्ट एवं पैकेजिंग में कुछ नया नहीं किया क्योंकि Covid-19 के चलते हम जैसे मिठाई विक्रेता कोई भी आकर्षित नया उपहार चलने का जोखिम नहीं उठा सकते क्योंकि लोगों की Covid-19 ने पहले ही कमर तोड़ रखी है।
उपहार के महत्व के बारे में गिरीश भारती ने कहा, ‘‘हम अपने कस्टमर्स को इस वर्ष घेवर के नवीनतम गिफ्ट बॉक्स और हैंपर्स प्रोवाइड करवा रहे हैं। इस रक्षा बंधन हमने स्पेशल गिफ्ट पैक्स का प्रबंध किया है जिस में असली घी एवं ड्रायफूट की मिठाईयों का समावेश है। उम्मीद करते हैं की हमारे यह गिफ्टिंग इनोवेशनस हमारे ग्राहकों को पसंद आएंगे‘‘।
अपने विचारों को आगे रखते हुए अनिल सैनी ने कहा, ‘‘यह सच है की त्यौहारों पर उपहार का लेन-देन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह तय है की गिफ़्ट हैंपर्स पैकेजिंग का चलन बढ़ गया है, मांगलिक कार्यों में इसकी विशेष डिमांड रहती है। हम ग्राहकों को उनकी आवश्यकता अनुसार एवं और बेहतर कस्टमाइज़्ड डिज़ाइन, साथ ही पर्सनल टच देने वाली पैकेजिंग उपलब्ध कराते हैं‘‘।
रक्षाबंधन का जोश पुरे हिंदुस्तान पर छा रहा है और सब मिठाई व्यवसाय के व्यापारी अपने-अपने क्षेत्र में बहुत लगन से काम कर रहे हैं। अमित गोयल भी अपनी एक्सपर्टीस का विवरण करते हुए बात की, ‘‘हम एक रोमांचक नई रक्षाबंधन गिफ्ट रेंज लेकर आ रहे हैं, जिसमें मिठाई को लंबे समय तक रखने के लिए MAP टेक्नोलॉजी के साथ hygienically पैक किया जाएगा ताकि मिठाई ख़राब होने की चिंता किए बिना पैकेट को आसानी से भेजा या कूरियर किया जा सके। हम गिफ़्ट पैक में लगभग 15 नए वैरिएंट पेश कर रहे हैं और स्पेशल शुगर-फ्ऱी के साथ-साथ हेअल्थी रेंज भी पेश कर रहे हैं‘‘।
हर्षल वाघ वह भी पैकेजिंग सेक्शन में पीछे नहीं हैं उन्होंने भी नूतन पैकेजिंग पर काम किया है। ‘‘हमनें रक्षा बंधन के अवसर पर गिफ़्ट हैंपर्स के साथ मिठाई-नमकीन के कॉम्बो-बॉक्स की पैकिंग करने वाले हैं जिसमें मिठाई, ड्राईफ्ऱूट्स और नमकीन होगा‘‘।
ऑनलाइन डिलीवरी सुविधा
पिछले दो सालों से Covid ने सब को घर बिठा दिया। भूख ऐसी चीज़ है की ख़ामोश नहीं बैठती है और बहार दुकानें बंद !!! करे तो क्या करे इंसान? इस का सरल उपाय निकाला गया-ऑनलाइन डिलीवरी सिस्टम !! जो बेहद कामयाब रहा। सीनियर सिटीज़न जो अकेले घर में थे उनके लिए बहुत सहूलत हो गयी और बाक़ी सब ने भी इस चैनल का भरपूर फ़ायदा उठाया। आइए जानते हैं हमारे मिठाई-मेकर्स से के इस चैनल का कितना लाभ उठाया।
ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफ़ॉर्म, योगेश गुप्ता के लिए एक बहुत फ़ायदेमंद सर्विस साबित हुई है। ‘‘हमारे पास ग्राहकों के लिए हम तक पहुंचने के सभी ऑनलाइन तरीक़े हैं। इससे हमारी बिक्री भी बढ़ी है। यद्यपि हमारे पास अपना ऑनलाइन पोर्टल नहीं है क्योंकि हमारे सभी आउटलेट Google व्यवसाय जैसे विभिन्न ऍप द्वारा प्रदर्शित किए गए थे, बस डायल करें, स्विगी या ज़ोमाटो को । लोग अब इन सभी ऍप से परिचित हो चुके हैं। जो अंततः हमें अपना ऑनलाइन पोर्टल नहीं बनाने के लिए कहते हैं‘‘।
ऑनलाइन सर्विस कोई ज़रूरी नहीं है, यह तो अपने सोच की बात है के जब चाहो ऑनलाइन डिलीवरी सिस्टम के फ्लो में आ सकते हैं। ऐसी ही कुछ सोच है रोहित केसरवानी की। ‘‘फ़िलहाल हमारे पास ऑनलाइन डिलीवरी की कोई सुविधा नहीं है और जब इस चैनल की ज़रूरत महसूस होगी तो तुरंत हम इसे भी शुरू करा लेंगे‘‘।
और ऐसे भी मिठाईवाले हैं जो Hi-tech होना पसंद करते हैं जैसे गिरीश भारती। गिरीश जी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर बहुत एक्टिव हैं और पैन इंडिया मिठाई डिलीवरी के लिए सुसज्जित हैं। । Available on: www-bhartimithaiwala.
ज़्यादातर मिठाईवालों ने ऑनलाइन या होम डिलीवरी की बात की है क्योंकि महामारी से भयभीत लोग भीड़ वाली जगहों पर जाना अवॉयड कर रहे हैं इसलिए दुकानदारों ने होम डिलीवरी शुरू कर रखी है ताके सोशल डिस्टैन्सिंग भी बनी रहे और अपना काम भी चलता रहे। मुकेश देसाई ने इस साल ग्राहक की सुविधा के लिए और सोशल डिस्टैन्सिंग का ध्यान रखकर होम डिलीवरी और कूरियर के माध्यम से मिठाई और नमकीन भेजने का प्रयोग किया है।
रोहित केसरवानी की तरह सपन साहा ने भी ऑनलाइन डिलीवरी ऍप का सहारा नहीं लिया। ‘‘हमारा अपना कोई भी ऑनलाइन डिलीवरी ऍप नहीं है। हमारी मिठाई अगर ऑर्डर करनी है तो सिर्फ़ ज़ोमाटो से मंगवा सकते हैं, हम दुकान में सरकार द्वारा गाइडलाइन्स का पालन अपने ग्राहकों से करवाते हैं जैसे सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजीन मेन्टेन करना।
अनिल सैनी ने भी रोहित और सपन जैसा रिप्लाई दिया। अनिल सैनी ने अपने शब्दों का उपयोग एक तरह से उनके जवाब को सुशोभित कर दिया, ‘‘जहाँ तक अपने ख़ुद के पोर्टल, ऑनलाइन ऑर्डर्स, होम डिलीवरीज़ या फिर ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म का सवाल है, इस की आवश्यकता नहीं पड़ती त्यौहार के वक़्त। अपने भारत के सारे त्यौहार पारिवारिक हैं और इसमें ग्राहक काउंटर पर आकर मिठाई लेना ज़्यादा पसंद करते हैं। रक्षाबंधन के समय, और उल्लास के वातावरण को देखते हुए ऑनलाइन ऑर्डर अथवा होम डिलीवरी से बचते हैं और अपनी चॉइज़ से मिठाईयाँ ख़रीदते हैं।
चंडीगढ़ में अमित गोयल की मिठाईयां हर डिलीवरी प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध हैं। बहुत स्पष्ट होकर उन्होंने यह जानकारी दी के, ‘‘हम पहले से ही अधिकांष प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद हैं और वर्तमान में लगभग 15ः बिक्री उनसे करते हैं। हम उन पर और अधिक प्रचार करने और उस सेगमेंट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भी आशान्वित हैं‘‘।
आखीर में हर्षल वाघ ने भी हमें इन्फ़ॉर्म किया के महामारी के गाइडलाइन्स को फ़ॉलो करते हुए उनका यह निर्णय लिया के सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए ई-कॉमर्स यानी की स्विग्गी और ज़ोमाटो की मदद से होम-डेलिवेरी सर्विस शुरू की जाये और अपने ग्राहकों को उनकी पसंद की मिठाईयां घर बैठे पहुँचाई जाए।