मीठी कचौरी की क्या बात है !!!
मानसून में खाईये मज़ेदार मीठी कचौरी !!!
यूँ तो कचौरी आपने बहुत देखी और खायी भी होंगी लेकिन कौन सी कचौरी सबसे अच्छी है?
यहाँ कुछ सबसे लोकप्रिय प्रकार की कचौरी हैं जिनमें विभिन्न भरावन हैं, जिन्हें आप ने अवश्य आजमाया होगाः
प्याज़ की कचौरी , पनीर की कचौरी , मसालेदार मसाला कचौरी , हरे चने की कचौरी , मटर की कचौरी , आलू की कचौरी , ड्राई फ्ऱूट कचौरी या मावा कचौरी !!
कचौरी सब के लिए एक ख़ास नाश्ता है। कचौरी का नाश्ता लोगों को इतना पसंद है के भरे पेट में भी जगह बना लेते हैं। कोई मेहमान आ जाएँ या फिर किसी भी छोटी-मोती पार्टी हो या फंक्शन्स हो, लोग कचौरी खाना बहुत पसंद करते हैं। कचौरी उत्तर भारत में एक बहुत ही लोकप्रिय नाश्ता है। यह एक डीप फ्ऱाइड पेटिस की तरह है, जो दिलकश स्टफिंग से भरी हुई है। इसे धूलि मूंग दाल या उड़द दाल को कुचल कर, प्याज़, मटर, आलू आदि मसलों के मिश्रण को, मैदे के सख़्त गुंधे हुए आटे के गोले में भरकर, धीमी आँच पर या तो असली घी या फिर कोई भी खाद्य तेल में सुनहरा होने तक तला जाता है। इस लज़्ज़तदार कचौरी को आमतौर पर खट्टी-मीठी चटनी, धनिया-पुदीने की चटनी या तीखी आलू की सब्ज़ी के साथ शाम की चाय के साथ खाने का चलन है।
कचौरी मारवाड़ियों द्वारा बनाई गई थी लेकिन राजस्थान की कोटा कचौरी राज्य की सबसे प्रसिद्ध कचौरी है। प्याज़ की कचौरी जो कि बहुत लोकप्रिय और प्रसिद्ध है।
चट-पटी मसालेदार कचौरियाँ तो लगभग सब ने खायी होंगी लेकिन क्या आप ने मीठी कचौरी भी खाई है ? आईए आप को हम मीठी कचौरी से परिचित करते हैं जो जोधपुर के जनता स्वीट्स द्वारा बनाई गयी हैं और इसका श्रेय जाता है राजेश अग्रवाल जी को।
जनता स्वीट्स में कचौरी को एक अलग रूप में तैयार किया है जो अपने आप में बहुत ही खास और अनूठी है। यह मीठी कचौरी मावा और कई सामग्री के भरवान से बनाई है। जिसका आविश्कार स्वर्गीय रावत देवड़ा ने किया था। मीठी कचौरी चीनी की चाशनी में डूबी हुई एक मिठाई है।
यह एक ट्रेडिशनल मिठाई है इसके लिए मावा, मेवा (पिस्ता, बादाम, काजू ), इलायची, जावित्री, जायफल का पहले एक मिश्रण तैयार करते हैं, फिर इसे गूंथे हुए मैंदे के पेड़े बनाकर उसमें इस मिश्रण को भर के उसको धीमी आंच पर असली घी में तलते हैं। जब यह अच्छी तरह से तल जाता है फिर इसे शक्कर की बनायी हुई चाशनी में डूबो देते हैं।