2024 की होली मिठाई एंड नमकीन उद्योग ने जम के मनाई होगी इस बात का तो कोई संशय नहीं है। यहाँ, होली के इस खास मौके पर आपने अपने-अपने ग्राहकों के लिए अपनी मिठाई, ठंडाई, और नमकीन को मीठा और चटपटा बनाकर प्रस्तुत किया होगाए इस बात में भी कोई दोराहे नहीं है। यह होली, मिठाई जगत के लिए व्यावसायिक तौर पर फायदेमंद रही है। “मिठाई एंड नमकीन टाईम्स” ने इस विषय पर एक सर्वे किया और उसकी रिपोर्ट के तौर पर लेख तैयार किया है। इस लेख में हमने भारत के विभिन्न क्षेत्रों से हमारे व्यापारिक साथियों और सहयोगियों से बातचीत की है और उनके अनुभवों और दृष्टिकोण को साझा किया है।
रॉयल भारती ग्रुप से गिरीशजी ने बताया की ब्रिज की होली है तो इस बार की होली का प्रतिसाद हमारे लिए 100% रहा। गुजियों में हमने इस बार मैंगो गुजिया और केसर गुजिया बनाई जिसे ग्राहकों का बड़ा अच्छा प्रतिसाद मिला। हैंपर वगै़रा का कोई ट्रेंड हमने अभी तक बनाया नहीं है, हमेशा की तरह हमने पारंपरिक तरीक़े से गुजिया की बिक्री की।
मधुलिका स्वीट्स, मनीष से बात करने पर उन्होंने कहा की इस बार गुजिया की सेल हमारी पिछले वर्ष से 25% ज़्यादा रही। हालाँकि हमने इस बार गुजिया में कोई नया उत्पाद नहीं बनाया था बस हमने हैंपर का अविष्कार किया जिसका हमें ग्राहकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला।
गोपालदास पेठा, आगरा-अमित गोयल ने बताया की इस बार हमने गुजिया में गोल्डन गुजिया, सिल्वर गुजिया, बेक्ड गुजिया जैसे नए उत्पाद बनाये थे लेकिन जो हमारा यूनिक उत्पाद था वो था नमकीन गुजिया। यह प्रोडक्ट हमने ज़्यादा मीठा न खानेवाले ग्राहकों की रूचि को ध्यान में रखते हुए बनाया जिसका हमें काफ़ी अच्छा रेस्पोंस मिला और हमारी सेल इस बार 25% से बढ़ी।
राजकमल नमकीन के कंवरलाल डागा ने कहा की गुजिया में हमने कोई नया अविष्कार तो नहीं किया न ही कोई हैंपर वगै़रा जैसे कोई सुविधा दी थी। हमेशा की तरह हमने पारंपरिक रूप से हमारी गुजिया की बिक्री की और सेल की बात करें तो 10 से 15% से हमें इस बार लाभ हुआ है।
अजंता स्वीट्स से अमित से हुई बातचीत में उन्होंने बताया की इस बार हमने हैंपर्स पर ज़्यादा फ़ोकस किया जिस वजह से हमारी गुजिया की सेल गये वर्ष से निश्चित रूप से बढ़ी, जिसका अनुमान अगर लगाए तो 20% से इस बार हमें इज़ाफ़ा हुआ है।
जयपुर से रावत मिष्ठान भंडार के भूदेव अरोरा से हुई बातचीत में उन्होंने कहा की इस बार की होली हमारे लिए भी ख़ास ही रही। हमारी चाशनी और बिना चाशनी के गुजिया तथा हमारे हैंपर्स को भी अच्छा प्रतिसाद मिला जिस की वजह से हमारा सेल इस बार 20% से बढ़ा।
श्रीजी पवन कचोरी के हर्षिल ने बताया की होली पर हमारी हींग दाल कचोरियों की बड़ी डिमांड होती है और इस बार हमने ठंडाई कचोरी, सेफ्ऱोन कचोरी जैसे नए उत्पाद बनाये जिसे भी हमारे ग्राहकों ने ज़्यादा पसंद किया। हैंपर्स वगै़रा पर इस बार ज़्यादा फ़ोकस नहीं कर पाए पर गए साल से हमारा सेल 200% बढ़ा।
सूरत से शिवशक्ति स्वीट्स के निर्मल शर्मा ने अपनी राय देते हुए कहा की होली में मिठाई और नमकीन की मांग हर साल बढ़ती है, ख़ासकर राजस्थान में लोगों का उत्साह अधिक होता है। इस समय हमारी प्रसिद्ध मिठाई
ठंडाई कतली की बहुत डिमांड होती है। अन्य मिठाई में गुजीया, ड्राई फ्ऱूट गुजीया, गुलाब जामुन और मोतीपाक भी शामिल हैं। नमकीन में हींग की कचैरी और अचारी कचैरी भी लोकप्रिय हैं। इसके साथ ही दाल मौठ और अन्य मिश्रण भी पसंद किए जाते हैं।
रेडी-टू-ड्रिंक ठंडाई ग्लास भी बढ़ी संख्या में बिकते हैं। हमारे ग्राहकों में अधिकांश राजस्थान से होते हैं और उन्हें राजस्थान का स्वाद मिलने पर ख़ुशी होती है। हमारे अनुसार, हमारे ग्राहक ताज़ा, गुणवत्ता और शुद्धता को अधिक महत्व देते हैं। पैक्ड या MAP उत्पादों की मांग यहां कम होती है, बल्कि ताज़ा, गुणवत्ता और शुद्ध उत्पादों की अधिक होती है। देखने जाए तो गए साल से इस बार की सेल हमारी 20 से 25% बढ़ी है।
महाराष्ट्र के जुन्नर से जगदीश फ़रसाण मार्ट के राजकुमार परदेसी ने अपनी होली पर हुई बिक्री का ज़िक्र करते हुए की हमें ख़ुशी है की जुन्नर में पहली बार हमने हमारे ग्राहकों के लिए जलेबी रबड़ी, मलाई और मैंगो लस्सी का आयोजन किया जिसमें बड़ा अच्छा रिस्पॉन्स मिला। महाराष्ट्र में होली पर गुजिया नहीं बल्कि पूरनपोली और श्रीखंड का ज़्यादा चलन है जिसमं हमारे ब्लूबेरी श्रीखंड को ज़्यादा पसंद किया जाता है। वृद्धि की बात करें तो हां गतवर्ष से इस बार की होली सेल में बढ़ोतरी है।
मुंबई से बृजवासी स्वीट्स के महेंद्र गोयल ने पुष्टि की इस बार हमने ठंडाई रसमलाई, ठंडाई क़लाक़ंद और ठंडाई लड्डू जैसे नए उत्पाद बनाये और लोगों ने पसंद भी किये। गुजिया वैसे मुंबई में कम खाई जाती है इसलिए स्वीट्स और ठंडाई की ज़्यादा बिक्री होती है।
देवीराम स्वीट्स से हुई बात पर उन्होंने कहा की हमारे गूंजे हमारे क्षेत्र में काफ़ी पसंद किये जाते हैं। हमारे गुंजे 1 किलो मैदा के आटे से बनते हैं, जो उन्हें हल्का और परतदार बनाता है। असली स्वाद का राज़ 300 ग्राम शुद्ध देसी घी में छिपा है। यह देसी घी ही हमारे गुंजे को गर्माहट और गहरा स्वाद देता है। हर होली पर हमारी सेल ज़्यादा ही होती है और इस साल की बात करें तो 15 से 20% से हमारा सेल इस बार भी बढ़ा है।
ठग्गू के लड्डू से रवि पांडे ने बात की। उनसे पता चला है कि उन्होंने कुछ नए प्रोडक्ट बनाये नहीं हैं पर हां पैकजिंग में उन्होंने बड़े अच्छे बदलाव लाते हुए अपडेट किया है, इस साल उनकी सेल 10ः ज़्यादा हुई है।
प्रेमविलास नमकीन से नविन खंडेलवाल ने जवाब देते हुए कहा कि इस होली में पिछले साल की तुलना मंे सेल निश्चित रूप से बढ़ी है। नए नए स्वाद और उत्पाद हमारे ग्राहकों को उपलब्ध करवाना हमारी विशेषता है और इसी कारण लोग हमारे यहाँ आना पसंद करते हंै। कुल मिलाकर बिक्री बढ़ रही है जो हमें और अधिक समर्पण के साथ काम करने के लिए प्रेरित करती है।
साईराम स्वीट्स एंड बेकर्स के विनय नागपॉल का उत्तर भी हर्ष भरा था की पीछे साल की तुलना में हमारे इस साल में 20% की बढ़ोत्तरी रही। हमने हमारे ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए इस साल भी विविध स्वाद की गुजिया और ठंडाई बनाईए जिसे बड़ा अच्छा फ़ीडबैक मिला और हमारे कॉम्बो सदृश्य हैंपर्स की बड़ी मांग रही।
तो इस लेख में बात करें तो भारत के उत्तर क्षेत्र में जहाँ होली एक मुख्य त्यौहार है वहां इस बार की सेल में काफ़ी अच्छी बिक्री देखने को मिली, साउथ इंडिया में होली का त्यौहार ज़्यादा बोलबाला न होने की वजह से वहां के मिठाई निर्माताओं के लिए हर दिन एक जैसा था। वहीं भारत के अन्य क्षेत्र में भी होली की सेल सबके लिए ठीकठाक वाली ही रही। हमारी हुई बातचीत से हमें पता चला कि ग्राहकों को की रूचि हैंपर और कस्टमाईज़्ड पैकिंग में ज़्यादा बढ़ रही है। तो जिन्होंने अभी तक हैंपर्स की शुरूआत नहीं की है उनके लिए आगे की होली में इस पर्याय को अपनाने का अच्छा मौक़ा है। तो ग्राहकों के साथ साथ मिठाई उद्योग के लिए भी यह होली खुशियों वाली और समृद्धि भरी रही और आगे भी ऐसे ही हो यही हम कामना करते हैं ।