सफ़रनामा 11.0 यादों का सफर, #WMNC2022 जयपुर

मैं अपने प्रतियेक सफ़रनामे में किसी एक जगह से दूसरी जगह के सफ़र का वर्णन प्रस्तुत करता हूँ, परन्तु अतीत में किए गए मेरे राजस्थान के सफ़र जो WMNC ’21 के आयोजन से सम्बंधित है उसका वर्णन अभी तक पूरा न होने के कारण यह सफ़रनामा उसी के सन्दर्भ में रहेगा। WMNC के सफ़ल आयोजन ने हम सभी के ह्रदय में वह उल्हास उत्पन्न किया है जिसे शाब्दिक रूप देने में हम अभी तक असमर्थ हैं ।


फरवरी माह का संस्करण प्रसारित को है और अभी तक सफ़रनामे को शाब्दिक रूप में परिवर्तित करने का समय नहीं मिल पाया। सभी का यह मानना है कि मैं हर अंक में इसे प्रस्तुत करता रहूं क्योंकि आप सभी इसको बड़े चाव से पढ़ते हैं और इसका इंतज़ार करते हैं। हर माह मुझे कई सन्देश और व्हाट्सप्प आते हैं, आपके द्वारा की गयी हमारी प्रशंसा से भरे हुए। जनवरी 2022 कुछ इस तरह से निकला कि पता ही नहीं चला, यूँ तो यह WMNC के बाद का समय थोड़ा आसान होता है लेकिन फॅमिली में कुछ स्वस्थ सम्बन्धित कारण से अपने कार्य पर ध्यान नहीं दे पा रहा हूँ। कंडीशन अभी भी जस-कि-तस बनी हुई है और बड़ी मुश्किल से कुछ समय निकल पाया हूँ। अगर कोई कमी रह जाए तो क्षमा का प्रार्थी हूँ !!


इस बार का सफ़रनामा भी अलग ही होने वाला है क्योंकि इस सफ़रनामे के साक्षी आप सभी लोग हैं और इसमें WMNC 2021 जयपुर और आप सभी से जुड़ीं कुछ छोटी-छोटी यादें संजो रहा हूँ। जयपुर का सफ़र तो सभी का बहुत सुहाना रहा, कई महीनों या यूँ कहूँ कि 2 वर्षों के अंतराल के बाद सब मिल रहे थे, मौसम सुहाना था, जयपुर जैसा ख़ूबसूरत शहर सामने था और WMNC जैसे इवेंट में आपको वो सब दिखाने में कामयाब भी हुआ जिसको आप देखना चाहते थे। अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए इन सब में यह सर्वप्रमुख रहा की सभी लोग आपस में मिलें और नई पीढ़ी को पुरानी पीढ़ी के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े हुए और सीखते देखा।
 

जयपुर में WMNC कि तैयारियाँ लगभग 3-4 दिन पहले से होने लगी थी जैसे स्टॉल बनाना, बैनर और प्रमोशन का मटीरियल छापना, कैटरिंग की तैयारियाँ और न जाने कितनी परमिशन्स और मेहनत। WMNC से कुछ ही दिन पहले 2 हाई-पावर राजनीतिक रैलियाँ हुई जिनकी वजह से अंतिम क्षण तक प्रशासन परमिशन टाल रहा था। जिसके बिना कुछ भी संभव नहीं हो सकता था। जैसे-तैसे करके वो परमिशन इवेंट से 3 दिन पहले ही मिली और इवेंट का काम ज़ोर-शोर से शुरू हुआ। नया शहर होने के कारण वेंडर्स पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता था क्योंकि अधिकतर नए होते हैं और हुआ भी कुछ यूँ ही कि स्टॉल बनाने वाले ने ख़ूब झिकाया।

इवेंट का पहला दिन था 15 दिसंबर, और यह वही आने वाली सुबह थी जिसका इंतज़ार था और बड़े कठोर परिश्रम के बाद हमारी टीम ने WMNC के शो को सुसज्जित किया । इवेंट की एक रात पहले मैं होटल में ही था, रात बहुत ही सुहानी थी, मेहमानों का आगमन और सभी चाहने वालों के एक-एक करके दर्शन होने लगे । सबसे पहले आंध्र प्रदेश का ग्रुप मिला। होटल में प्रवेश करते ही मल्लीबाबू , तपेश्वरम का खाजा ले कर आए थे और सभी को दे रहे थे, साथ में डोरा राजू गारू, ‘ओलिव स्वीट्स हैदराबाद’ भी थे जो तेलंगाना की धरती से ही एक और शानदंर मिठाई निर्माता हैं। मिलकर बहुत आनंद मिला और पीछे से उत्तर प्रदेश के बंधुओं का हमला हुआ और गले मिलने का सिलसिला शुरू हुआ, यह बात मैं ने अपने उद्घोषण में भी कही थी कि उत्तर प्रदेश सिर्फ़ एक प्रदेश नहीं बल्कि यह मिठाईयों का एक देश है और उसका हर ज़िला अपने आप में एक प्रदेश है। 

जत्थे के जत्थे अलाहबाद, कानपुर, लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, गोरखपुर, मुरादाबाद, बनारस, ग़ाज़ियाबाद और लगभग हर शहर जैसे सहारनपुर, मुज़फ़्फ़रनगर, बरैली, रामपुर, गोंडा, बहराइच, आज़मगढ़ से पहुंचना शुरू हो गए। मैं होटल में सिर्फ़ चेक इन करने के मक़सद से आया था और इनमें ही खो गया। शाम बढ़ते ही मध्य प्रदेश का ग्रुप भी पहुंच गया और साथ ही अपनी कहानी के रेगुलर पात्र पुनीत, अतिरेक, विपिन, दीपक, किशनचंद, समीर सभी पहुंच गए । मगर जान तो जब आना शुरू हुई जब पंजाब और चंडीगढ़ का ग्रुप आया और पूरे क्राउन प्लाज़ा के रिसेप्शन हॉल में हंसी व ठहाकों कि आवाज़ें गूंजने लगीं।

जैन साहब तो दोपहर में ही आगए थे और मेरे साथ ही सबके स्वागत में लग गए, नहीं आए थे तो लालाजी (मनोहरलाल अग्रवाल जी) और उनके तीनों भाई। ज्ञात ये हुआ कि किसी एमेर्जेन्सी कि वजह से दिल्ली से देर से निकले हैं और देर रात पहुंच गए। मिनट-मिनट पर फ़ोन करता रहा और रात के 1 बजे शिवकिशन जी, शिवरतन जी (पन्ना बाबू ), मधुसूदन जी और लालाजी सभी के दर्शन हुए। सब ने संग-संग खाना खाया और खाने की पूरी तैयारी करवाई अज्जू भाई (अजय अग्रवाल, ऐ. जे. पैकेजिंग, हैदराबाद) । लालाजी और उन सभी के परम मित्र या यूँ कहूँ कि हैदराबाद में हमारा पता उन्हीं का घर है।


डिनर के बाद हम सब अपने-अपने कमरों में चले गए और रात को ही आफ़ताब की तबियत बिगड़ गई। ख़बर मिलने पर मैं और जैन साहब आफ़ताब को देखने उनके होटल भागे।  ख़ैरियत पूछकर, दवा देकर, हलकी-फुल्की बात-चीत करके नॉर्मलाइज़ किया ।  इसी में रात के 3 बज गए और सोते-सोते 4 । ठीक 9 बजे हम सब नाश्ते कि टेबल पर मिले और वहां भी यही सिलसिला रहा, बैंगलोर, पंजाब, तमिलनाडु, केरला, महाराष्ट्र, गुजरात और असम के लोग पूरे डायनिंग एरिया में भरे थे, मन गद-गद हो रहा था कि यह सब मेरे बुलावे और भरोसे पर आए हैं और इसी से लगने लगा था कि इस बार WMNC रिकॉर्ड-तोड़ विज़िटर्स देखने वाला है। सभी को प्रदर्शनी में पहुंचने के लिए कहा गया था और हॉल के बाहर भीड़ जमा होने लगी। हर तरफ़ लोग ही लोग एक दूसरे से गले मिलते दिखाई दे रहे थे, नए रिश्ते बन रहे थे और पुराने रिश्तों में और ज़्यादा जान डाली जा रही थी।  मेरा 2 सालों का गली-गली, शहर-शहर घूमना कामियाब होता नज़र आ रहा था।
 

मन उत्साहित था मगर टीम के अनुसार तैयारियों में कुछ कमी लग रही थी और मन में कहीं उदासी भी थी कि मेरे एक्सहिबीटर्स क्या बोलेंगे । अंदर जाने का समय होने लगा और हमारे सब संरक्षक हल्दीराम फॅमिली, बीकानेर वाला फॅमिली, जैन साहब, अजित भाई मोटा, चंदू भाई वीरानी सभी पहुंच गए थे और उद्घाटन का समय क़रीब आ रहा था ।

थोड़ा फ़िल्मी हो जाऊँ तो कहूं “दूर से लोगों कि आंधी आते हुए देखी जो क़रीब आते-आते रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे बंगाली भाइयों कि थी”। सबसे आगे थे हमारे ‘धीमान दा’ और पीछे बंगाल से आए हर ज़िले के मिठाई व नमकीन निर्माता, सब से बड़ा जत्था बंगाल से आया था और पहुंचते ही सब कुछ कोलकाता स्टाइल में दिखने लगा, “मीठी बातें और मीठे लोग”। बस सब ने मिलकर कुछ फ़ोटो खिचवाईं और उद्घाटन का समारोह शुरू हुआ। उट्घाटन श्री शिव रतन जी के शुभ हाथों से हुआ जो WMNC के टाइटल पार्टनर भी थे। सारे श्रेष्ट लोगों ने हॉल में प्रवेश किया और हम आश्चर्येचकित रह गए की क्या यह वही WMNC है जिसको हमने 4 साल पहले दिल्ली में शुरू किया था, कुछ टेबल्स और एक हॉल में जहाँ सिर्फ़ 700 लोग उपस्थित थे। आज का यह WMNC 10800 sqmt. में था जहाँ 21 देशों के प्रतिनिधि खड़े हुए थे भारतीय मिठाई व नमकीन की संस्कृति के आगे नमन किये हुए!!

यही पावर है FSNM का, कि सिर्फ़ 4 सालों में उपलब्धियाँ ही उपलब्धियाँ। अंदर गए तो सब कुछ व्यवस्थित था और हर एक्सहिबीटर खुश था, क्योंकि उनके लिए भी यह इवेंट सर्व प्रिय है । पूरा एक्सहिबिशन तैयार हो और आगंतुक न हों तो बड़े से बड़ा शो फ्लॉप हो जाता है। मैं ने कल्पना भी नहीं कि थी कि इतने लोग आने वाले हैं, या यूँ कहूँ कि जिस-जिस को बुलाया वह सभी आए और जो न आ पाए वह पछताए। उड़ीसा का भी ग्रुप आ गया और कई लोग भारत के उत्तर पश्चिम से भी आए हुए थे, जम्मू , हिमाचल, के भी कई लोग मिले, और झारखंड से आए हुए मेरे सभी भाई मिले। एक-एक करके हम लगभग 6500 हो चुके थे पहले ही दिन एक ही छत के तले जो अपने आप में एक अनोखा कीर्तिमान था। पहले ही दिन 6500 लोग और सभी मिठाई, नमकीन, स्नैक्स व बेकरी प्रोडक्ट बनाने वाले। 

उद्घाटन समारोह शुरू हुआ और न चाहते हुए भी मैं ने एंकर को हटा कर बाग-डोर अपने हाथों में लेली, इतना प्यार मिला है आप लोगों से कि मैं उसको हमेशा दुगना करके वापस देना चाहता हूँ। शायद कोई प्रोफ़ेशनल एंकर उस तरह से न कर पाए। सभी दिग्गजों को ऊपर मंच पर बैठाया गया, साथ में दीपक अग्रवाल जी, ‘बीकाजीऔर हमारे फ़ेडेरेशन के सेक्रेटरी विक्रम अग्रवाल जी, ‘ कोरनिटोज़’ से मंच पर साथ थे। वीरेंद्र जैन साहब ने सभी का स्वागत किया और कई राज्यों से आए हुए FSNM के एक्सिक्यूटिव मेंबर्स और ख़ास तौर से राजस्थान महासंघ की ओर से सभी का सत्कार किया गया। कोशिश रही कि सभी राज्यों के लोगों को बुलाकर उनके मन कि बात सुनी जाए, पर यह संभव नहीं था, लगभग 12 राज्यों के लोगों को बुला कर ही हम उनकी बातें सुन पाए और सभी ने तारीफों के पुल ही बांध दिए। सब लोग तरक़्क़ी और मेल-मिलाप के ही पक्षधर थे। इसके बाद शुरू हुआ लोगों का 225 स्टॉल पर विज़िट करना और सभी एक्सहिबीटर्स का मुझे पर्सनली यह बताना कि उनका रिस्पांस और व्यापार बहुत अच्छा रहा।

शाम होते-होते हम सब थक चुके थे । सभी ने अपने विश्राम स्थल का रुख किया मगर भाइयों… पार्टी अभी बाक़ी थी । WMNC की गाला-नाईट और अवार्ड समारोह !! सब लोग 7 बजे ही पहुंचने लगे बहुत ही मनोरंजन व रंगारंग कार्यक्रम का आरम्भ हुआ, लगभग 50 से भी अधिक अलग-अलग कैटेगरीज़ में अवार्ड्स दिए गए। लेकिन एक अवार्ड ऐसा था जिसका हम सबको इंतज़ार था। किन्तु दुविधा ये थी कि जिनको यह अवार्ड मिलना था उनका स्वास्थय सही न होने के कारण उनका आना मुश्किल था, हमारे परम प्रिय पन्ना बाबू के आने कि उम्मीद कम थी मगर चमत्कार हुआ और वह अपने भाइयों के साथ ‘Marriott’ होटल पहुंच गए जिनके लिए “Life Time Achievement Award” इंतज़ार कर रहा था। वह गरिमामय समय आ ही पहुंचा जब पन्नाबाबू अवार्ड सभा में पधारे तथा कुछ ही समय के बाद उनको अवार्ड से सम्मानित किया गया। सभी लोग बहुत ख़ुश थे अवार्ड्स फ़ंक्शन के बाद सभी ने भोजन किया और बॉल रूम में लम्बी सभा का सिलसिला शुरू हुआ , बात-चीत होती रही रात का 1 वहीं बज गया। बड़े दिल वाले कहलाये जाने वाले कथूरिया बंधुओं ने औम स्वीट्स की ओर से सभी आने वालों को उनकी मशहूर वालनट डोढ़ा मिठाई बांटी । सभी अपने होटल कि ओर निकल चुके थे और अगले दिन नाश्ते पर मिलने का वादा था ।
 
अगले दिन सभी लोग नाश्ते के बाद एक्सहिबिशन सेंटर में मिले। कई शहरों से लोग आते रहे। ऐसे कई लोग थे जिनसे पहली बार मिला परन्तु दोस्ती फ़ोन पर पक्की वाली हो चुकी थी। ऐसा भी कई लोगों के साथ हुआ कि जिनको चाहते हुए भी मैं नहीं मिल पाया “फ़िरोज़ जी आप बहुत व्यस्त थे और हम आपके साथ ही खड़े थे आपने हमें पहचाना नहीं ” ये शब्द कई लोगों से मुंबई लौट के आने के बाद भी सुनता चला आ रहा हूँ, उनसे फिर एक बार क्षमा मांगता हूँ और वादा करता हूँ कि अगली बार ज़रूर मिलूंगा !!

दूसरे दिन कि शुरुआत हुई और हम सब एक्सहिबिशन के सेमिनार हॉल पहुंच गए। विक्रम अग्रवाल जी का स्वागती भाषण शुरू हुआ जिसके बाद “Taste the Future of Mithai & Namkeen” नाम से सेमिनार का आग़ाज़ हुआ जो दोपहर के खाने के बाद भी चलता रहा। पहले और दूसरे दिन हमने 2 मिठाई व नमकीन कम्पटीशन रखे थे जिसकी ज़िम्मेदारी दो मिठाई कंपनियों ने ले रखी थी ‘California Walnuts ‘ और ‘ US CRANBERRIES’। दोनों कि प्रस्तुति बहुत सफ़ल रही और जीतने वालों और प्रतिभागियों को कई अवार्ड्स दिए गए, जिन्हें दीप्ता गुप्ता जी और विनय दीक्षित जी ने अपना सहयोग दिया, साथ में मौजूद थे भारत के मशहूर सेलिब्रिटी शैफ़ हरपाल सिंह सोखी। सेमिनार में भी कई अच्छे पैनल डिस्कशन हुए जो सभी को बहुत पसंद आए। 

WMNC को करने की आपाधापी में हमें एक अच्छे मित्र से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ जो हमारे मेंबर भी हैं और इस पूरे इवेंट कि कैटरिंग उन्होंने ही कि थी, सुनील जी सोखिया, महाराजा कैटरर्स,‘ जयपुर। सब का यही कहना था कि ऐसा खाना हमने कभी भी नहीं खाया। पहले दिन खाना बीकाजी जो हमारे “टाइटल पार्टनर” रहे उनकी ओर से था, दूसरे दिन अस्मा, आगरा वालों ने उँगलियाँ चटवा दीं। तीसरे दिन चितले बंधू मिठाईवाले’, पुने कि ओर से महारष्ट्रीयन खाने का आयोजन था, जो सभी को अलग और बहुत स्वादिष्ट लगा। सुनील भाई ने रंग ही जमा दिया और साथ दिया उनके और मेरे कॉमन फ्रेंड गिरीश जी भारती ,’भारती इंटरनेशनल‘, विरिंदावन वालों ने। 

 

इसी तरह मिलने-मिलाने का सिलसिला रहा और सेमिनार के बाद शाम हो चली थी। लालजी को अपने भाइयों के साथ ‘मुख्यमंत्री जी’ के घर जाना था डिनर पर और दूसरी ओर नमन घी वाले राकेश कुलवाल जी ने बड़ा ही स्पेशल डिनर रखा था, सभी के सम्मान में। हम सब पहुंच गए और सभी दिगज्जों ने खूब आनंद लिया पार्टी व डिनर का । चंदू भाई वीरानी, ‘बालाजी नमकीन और श्याम सुन्दर जी, बाबू भाई, ‘बीकानेरवाला, बस पंजाबियों ने थोड़ा ही पुश किया था फिर तो वो धमाके-दार पार्टी हुई कि हम सब आजीवन उसे नहीं भूलेंगे। देर से ही सही मगर लालाजी सब को लेकर CM साहब के घर से वहीं पार्टी में आगये और राकेश जी ने सब का सत्कार किया। देर रात को सब वापस पहुंचे और अगले दिन उसी तरह नाश्ते कि टेबल पर मिले।

तीसरा और आख़री दिन था एक्सहिबिशन का और लोगों को वापस निकलना था। कुछ को लंच के तुरंत बाद निकलना था और कुछ को शाम होते-होते ।  गई रात एक और अप्रतीयाशित घटना हुई, यूँ तो बाबू भाई हम सबको हमेशा अपने आउटलेट पर बुलाते रहते हैं और बहुत अच्छा ध्यान रखते हैं मगर नया ये था कि इस बार सारे हल्दीराम परिवार के सभी भाई शायद पहली बार ‘बीकानेरवाला’ जाने वाले थे, बहुत ही स्वादिष्ट नाश्ता करने के बाद हम सब एक्सहिबिशन चले आये। इस लम्हे का फ़ोटो शेयर कर रहा हूँ जिसमें नीचे हल्दीराम फॅमिली है और ऊपर ‘बीकानेरवाला’ का बोर्ड लगा है ।

बस लालाजी के साथ एक्सहिबिशन में हो लिए और कई ऐसे स्टॉल्स पर जाना हुआ जहाँ का जाना बाक़ी था। सब से बहुत ही उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली। अगले साल का लेआउट अभी आया भी नहीं था और बुकिंग शुरू हो गयी थी। अगला WMNC-2022 हम चंडीगढ़ में प्लान कर रहे हैं और उम्मीद है कि इससे भी बड़ा और बेहतर बनाएंगे। 

सभी राजस्थानी भाइयों का दिल से आभार है जिनकी मदद से यह कामयाबी मिली। सुनील जी सोंखिया; अजय अग्रवाल ‘LMB स्वीट्स‘; राहुल जी ‘DMB’ जयपुर से; उदयपुर से सुखलाल जी साहू; अजमेर से कुनाल जी जैन; कोटा से जगदीश भाई गाँधी; जोधपुर से नवीन जी खंडेलवाल; बीकानेर से गणेशमल बोथरा जी और बीकाजी की टीम और उनके लीडर दीपक जी अग्रवाल । आपके बिना यह संभव नहीं था। आप सभी का ह्रदय से धन्यवाद।