भारतीय मिठाई इंडस्ट्री पारम्परिक धरोहर को बचाने में कामयाब हुई है या नहीं ? Sandeep Agarwal

आगरा से देवीराम के मालिक संदीप अग्रवाल ने कहा कि, “हम अपने पूर्वजों के प्रयासों से पिछले 60 वर्षों से यानी सन 1962 से अपने विशेष उत्पाद ‘बेड़ई’ जिसे ‘बरहाई’ भी कहा जाता है बेच रहे हैं। इसे हरी सब्ज़ी के साथ परोसा जाता है जिसमें ढ़ेर सारे आलू और कुछ मात्रा में दही भी होता है। देवीराम एक ब्रैंड है जो बेड़ई और जलेबी के लिए जाना जाता है और आज ‘ताज महल‘ के शहर में इसकी तीसरी पीढ़ी द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है।

संदीप अग्रवाल कहते हैं,” आप हमारे जिस आउटलेट पर इस व्यंजन को खाएंगे, वहां स्वाद में एकरूपता ही पाएंगे। शुरू से जो हमारा बेड़ई का स्वाद रहा है, हमने हमेशा से एक ही प्रामाणिक नुस्खे का उपयोग कर अपने इस स्वाद को बनाए रखा है। आने वाले वर्षों में स्वाद को जीवित रखने के लिए हमने इस तरह का इंतज़ाम कर रखा है कि जब तक यह प्रोडक्ट मार्केट में रहेगा इसका हमेशा से एक ही स्वाद बना रहेगा।

MNT से बात करते हुए संदीप अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारा यह उत्पाद हमारे ब्रैंड का फ़्लैगशिप उत्पाद बन चुका है। हमने स्वाद को बरक़रार रखा है इसलिए यह बहुत ही लोकप्रिय है और हमने एक समान स्वाद बनाए रखने, मानकीकरण और रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए प्रबल प्रयास किए हैं, यही कारण है कि 60 साल पहले जिस रूप में इसकी लोकप्रियता थी आज भी वही बरक़रार है” ।

संदीप अग्रवाल ने आगे बताया, ‘‘क्योंकि प्रत्येक व्यंजन का अपना नुस्ख़ा और कुछ गोपनीय सामग्री होती है जो इसके स्वाद में इज़ाफ़ा करती है, बस इसी तरह हमारे पास भी बेड़ई बनाने का एक ख़ास नुस्ख़ा है जो इसके स्वाद को बनाए रखता है। इसको बनाने में हम खड़े मसालों का उपयोग करते हैं और इसका एक खास गेहूं है जिसको MP के शरबती गेहूं के नाम से जाना जाता है। हम इसे 70-75 सालों से एक ही जगह से ख़रीदते आ रहे हैं जिस के कारण लोग आज भी उसी अंदाज़ में इस व्यंजन का आनंद लेते हैं जो हमारे पूर्वजों के ज़माने से होता चला आ रहा है। उनका मानना है कि उनके यहाँ काम करने वाले कारीगर बहुत ही अनुभवी व दिग्गज हैं जो रिटायरमेंट के क़रीब होने के बाद भी बिना थके आज भी हमारे यहाँ बेड़ई बनाने का काम करते हैं और नए आने वाले कारीगरों को सिखाते हैं।

अंत में संदीप अग्रवाल का कहना है कि बेड़ई कोई मौसमी उत्पाद नहीं है, लोग इसका स्वाद साल भर लेते हैं लेकिन हाँ, इसकी एक ख़ास बात यह है कि बरसात के मौसम में इसका स्वाद दोगुना हो जाता है क्योंकि इस में इस्तेमाल होने वाला गेहूं बरसात के मौसम में एक अलग ही सुगंध देता है और उस ख़ुशबू के कारण इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है यह बरसात में सब से ज़्यादा पसंदीदा व्यंजन है।