ज़रा मिठाईयों में आम के फ़्यूज़न तो देखिये, मिठाई बनाने वालों ने खुश कर दिया !!!
आम एक लोकप्रिय फल है जो भारत में व्यापक रूप से उपलब्ध है और इसका उपयोग खाद्य से लेकर औषधि तक विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। आम का व्यापार भारत में सीज़नल होता है, जो साल के मध्य अप्रैल से जुलाई के अंत तक रहता है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा आम उत्पादक है और इसका व्यापार विभिन्न राज्यों में किया जाता है। आम की वाणिज्यिक खेती आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, बिहार और उत्तर प्रदेश में होती है। भारत में आम उगाने वाले अन्य राज्य मध्य प्रदेश, केरल, हरियाणा, पंजाब आदि हैं। भारत में सबसे बड़ा आम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। यह जून-अगस्त तक आम का उत्पादन करता है।
गर्मी शुरू होते ही कोकण के हापुस से लेकर गुजरात का केसर, बिहार का दशहरी, उत्तर प्रदेश का लंगड़ा आम, दक्षिण भारत का नीलम या तोतापूरी। बस हर जगह पीले रंग की भरमार होती है। यहाँ तो हमने कुछ गिने चुने नाम ही दिए हैं आम के, भारत में 1000 से अधिक क़िस्मों के साथ आम की सैकड़ों क़िस्में जानी जाती हैं, जिसका उपयोग व्यावसायिक तौर पर तो होता ही है और बड़े पैमाने पर निर्यात भी होता है।
इसके अलावा, आम के उत्पादों की विभिन्न विधियों से संबंधित व्यवसाय भी हो सकते हैं जैसे आम रस, अचार, आम के लड्डू, आम पपड़ी, चिप्स, फल कैंडी, आम के सॉरबेट, मेंगो आईस्क्रीम आदि शामिल हैं।
बदलते वक़्त के साथ हर एक क्षेत्र में नई तकनीक, नये तरीक़े आ रहे हैं। हमारा आज का यह विषय भी इसी नियम से जुड़ा है। फलों का राजा कहलाने वाला अपने अनमोल स्वाद से सबको लुभा लेता है शायद यही कारण है के आज मिठाई बनाने वाले इसे अपने आविष्कार में शामिल कर, एक अनमोल मेंगो फ़्यूजन क्रिएट कर रहे हैं और इसका परिणाम भी जबरदस्त है !!!
पारंपरिक मिठाईयों के तुलना में स्वाद में नवीनतम बदलाव को ग्राहकों द्वारा भी पसंद किया जा रहा है, ग्राहकों के इसी रुझाव को देखते हुए मिठाई निर्माता भी अपने कल्पना शक्ति को पूरी तरह से आजमा रहे हैं। मिठाई एंड नमकीन टाईम्स ने इसी मुद्दे पर सोचते हुए हमारे मेंबर्स से उनके आम से बनने वाले विशेष उत्पाद और उसकी खपत की जानकारी ली तथा मैप टेक्नोलॉजी के बारे में उनकी राय पूछी।
भवंरीलाल (MHOW) के अनिल सैनी से जब हमने बात की तो उनका कहना है कि, ऐसे तो नई तकनिकी की वजह से आम की लुगदी पुरे 12 महीने उपलब्ध होती है जिस वजह से आम के स्वाद का आनंद हम जब चाहे ले सकते हैं। हम भी मैंगो पल्प से कई सारी मिठाईयाँ बनाते हैं जिसमें हमारी स्पेशलिटी आम कलाक़ंद, मैंगो रबड़ी, मैंगो बफीऱ्, मैंगो सैंडविच, मैंगो बाईट्स और मैंगो कुल्फ़ी प्राईम प्रोडक्ट्स हैं।
आम कलाकंद को आम के ताजे़ रस और ड्राईफ्रूट से ही बनाया जाता है। मैंगो रबड़ी में 50% हापुस और 50% अन्य आमों का रस मिलकर रबड़ी तैयार की जाती है। आम रस, दूध, ड्राईफ्रूट और केसर के साथ मज़ेदार और पौष्टिक रबड़ी बनती है। किसी भी अवसर, समारोह या शादी के लिए इसकी विशेष मांग रहती है।
मैंगो बर्फ़ी आम-कलाकंद से अलग है। आम के बड़े टुकड़े, बहुत सारे दूध और केसर को कढ़ाई में हलके हाथ से पकाया जाता है, पकने के बाद इस घोल को ट्रे में सजा कर ठंडा किया जाता है और बर्फ़ी के आकार में एक समान काट लिया जाता है। मैंगो सैंडविच की बनावट बंगाली मिठाई के तरह ही होती है। आम के बड़े टुकड़े को मिल्क क्रीम के साथ मिला के छेने में इसकी भराई की जाती है। मैंगो बाईट्स पुरे साल हमारे आउटलेट्स पर उपलब्ध होने वाली मिठाई है। काजू, बादाम और मैंगो पल्प और मैंगो पाउडर से इसे बनाया जाता है।
और मैंगो कुल्फ़ी भी हमारे यहाँ बाराह महीने सेल होती है। भँवरीलाल में आम से बनी मिठाईयों की डिमांड पुरे 365 दिन रहती है और ख़ास मौक़ों पर लोग हमें बिल्कुल नहीं भूलते हैं। आम से बनी इन मिठाईयों की खपत सीज़न में ज़्यादा रहती है, इसलिए इनका उत्पादन होते ही ख़त्म हो जाती है लिहाज़ा मैप टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अभी तक किया नहीं है।
सूरत से शिव शक्ति स्वीट्स एंड स्नैक्स के निर्मल शर्मा जब हमने उनके आम के सीजन के तैयारी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहाँ, ष्ऐसे तो यहाँ के हवामान नुसार आम की आमद इतर राज्य की तुलना से कम ही है और जो उपलब्ध होते हैं उन में मिठास की कमी होती है। इसीलिए ज़्यादा करके आम के स्वाद की अनुभूति आने के लिए हम हमारे व्यंजनों में मीठे आम का मुख्य रूप से उपयोग करते हैं।
हमारी स्पेशिएलिटी काजू और मैंगो से बने मैंगो पात्रा, वाईट-डार्क चॉकलेट, मैंगो और बादाम से बना मैंगो टफल और शादी के सीजन में हमारे मैंगो पान को ज़्यादा पसंद किया जाता है। ऐसे तो हमारे मैंगो से बने उत्पादन पुरे साल बनते और बिकते हैं, पर मैंगो की सीजन में उनकी डिमांड अन्य महीनों से ज़्यादा होती है। हालाँकि हमारे यहाँ किसी भी प्रकार से ऑटोमेशन या कोई तकनीक उपयोग करके मिठाई बनायीं नहीं जाती, आज भी हम पूरी तरह से पारंपरिक तरीक़े से ही मिठाई बनाते हैं और फ्रे़श ही हमारे यहाँ की मिठाईयाँ हाथों-हाथ बिक भी जाती हैं। फ़िलहाल मैप टेक्नोलॉजी के ऊपर हमारा परिक्षण शुरू है। लोकल ग्राहक तो मिठाई को ताज़ा ख़रीदना ही पसंद करते हैं पर यह बात हम ज़रूर मानते हैं कि एक्सपोर्ट करने हेतु मैप टेक्नोलॉजी बहुत उपयुक्त है।
नाशिक के बूधा हलवाई से हर्षल वाघ से हमने आम से बनी विशेष मिठाई के बारे में जानकारी हासिल करने पर उनके उत्तर कुछ इस प्रकार रहे की गर्मी का मौसम है और आम का भी, तो हर साल की तरह हमारी आम की बर्फ़ी और आम का श्रीखंड ग्राहकों का ध्यान हमारे प्रोडक्ट्स की ओर खींच लेता है। हर साल आम की मिठाईयों की 60-70% मांग होती है और खपत भी खूब होती है। ऐसे ग्राहक जो आम के लिए तरसते हैं लेकिन ब़ाज़ार में आम की कम उपलब्धता के कारण उपभोक्ता आम की मिठाई का इंतज़ार करते हैं, सीजन शुरू होते ही इन मिठाईयों की तरफ़ अपना रुख कर लेते हैं। आम विश्व स्तर पर पसंदीदा फल है, लेकिन आम की सबसे अच्छी गुणवत्ता कोंकण महाराष्ट्र से है। महाराष्ट्र में ही होने के कारण हमें आम का गूदा, जमे हुए आम के टुकड़े, और शुद्ध आम भी आसानी से मिलते हैं जिसके वजह से अतिरिक्त चीनी मिलाए बिना हम हमारे उत्पादन में आम का नैसर्गिक स्वाद और शुद्ध मिठास दे पाते हैं।
मिठाई उद्योग में मैप टेक्नोलॉजी अब महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर हम वैश्विक स्तर पर विकास करना चाहते हैं तो हमें मिठाईयों की शेल्फ़ लाईफ़ बढ़ाने की ज़रुरत है और दूध आधारित मिठाईयाँ स्वादिष्ट होती हैं, लेकिन शेल्फ़ लाईफ़ बहुत कम होती है। इसीलिए लोग यात्रा के दौरान इसे खरीद ने से हिचकिचाते हैं। लेकिन अब खेल बदल गया है, MAP तकनीक की मदद से लोग MAP पैकेजिंग के साथ किसी भी प्रकार की मिठाई ले सकते हैं, जो 30-35 दिनों तक आसानी से रह सकती है। और इसी वजह से हम मिठाई की सीमाओं का विस्तार और बिक्री कर सकते है। अब मिठाई में शेल्फ़ लाईफ़ की कोई बाधा नहीं है, ऑल क्रेडिट गोज टू मैप टेक्नोलॉजी।
अजमेर से लक्ष्मी स्वीट्स के तेज सिंह राठौर (बीनूभाई) ने अपने बचपन की यादों में खोते हुए उनकी कुछ यादें हमसे साँझा की के कैसे उनकी दादी माँ गर्मी की छुट्टियों में उनको और उनके सारे कज़िन्स के लिए आमरस बनाया करती थीं। कभी कभी यादें भी आपके के लिए प्रेरणा बन सकती हैं और शायद यही वजह है की हमारी प्रसिद्धतम मिठाई ष्मैंगो कलाक़ंदष् के अलावा मैंगो के कुछ दिलचस्प फ़्यूजन मिठाईयों का निर्माण करने के लिए हमें प्रेरित किया।
पहला है ”मैंगो रबड़ी” जो एक पूर्ण गर्मियों का अनुभव देने वाली भारतीय मिठाई है। दूसरा है “मानगो संगम कतली” जिसमें गुलकंद को “आम पापड़ या मोटी मैंगो गनाश” से बदल दिया जाता है। अन्त में प्रेरणा राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र के प्रसिद्ध बिस्तरबंद मिठाई से ली गई है जो छैना के बिस्तर की तरह है। क्वेनेल के आकार की मैंगो आईस्क्रीम को छैना से मोड़कर तैयार कर लिया जाता है। इन सभी फ़्यूजन मिठाईयों के बाद भी हमारा मूल ध्यान हमारी सबसे ज़्यादा बिक्री वाली मिठाई, अर्थात मैंगो कलाक़ंद पर बना रहेगा, क्योंकि यह अब एक स्वीट नहीं है बल्कि अजमेर के लिए एक स्मारक पदार्थ में बदल गई है।
आम की मिठाई या आम के उत्पादों की खपत और मांग हर साल एक मिठाई निर्माता से दूसरे में, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में या आम से संबंधित उनकी विशेषता पर भिन्न होती है। लेकिन यह स्थिति विशेष रूप से हमारे लिए लागू होने की अनुमान लगाते हुए, मैं कहूँगा कि कुल बिक्री का 30% से 35% आम या उससे संबंधित उत्पादों से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित होता है। हमारी सबसे प्रसिद्ध मिठाई “मैंगो क़लाकंद” (या आम क़लाकंद) की पारंपरिक रेसिपी अधिकतर अच्छी गुणवत्ता वाले अल्फ़ांसो आमों पर निर्भर करती है, हालाँकि हम अल्फ़ांसो के मौसम के बाद भी भारत के विभिन्न क्षेत्रों से अन्य विविधताओं के आमों को शामिल करने का प्रयास करते हैं
मैप टेक्नोलॉजी का ज़िक्र एक छोटे से सारांश में नहीं क्या जा सकता है। इस का जवाब हाँ या नहीं में देना टेक्नोलॉजी के साथ न्याय नहीं होगा। मिठाई के विशेषज्ञ, दुकान के मालिक और कई लोग अपने उत्पादों की इच्छित रखरखाव अधिक करने या हासिल करने के लिए अपने अनुसंधान और प्रयोग पर हज़ारों रुपये ख़र्चा करते हैं। लेकिन हाँ, मैं हमारे उत्पाद ष्मैंगो कलाक़ंदष् और उससे संबंधित अनुभव और उन प्रयासों के बारे में बोल सकता हूँ जो हमने अपने ”मैंगो क़लाकंद” की शेल्फ़ लाईफ़ को बनाए रखने के लिए किये हैं, जो वर्तमान में 4-5 दिन है।
हमने MAP तकनीक का प्रयोग किया हैय हमने RETORT तकनीक की भी कोशिश की है लेकिन हमारे विशिष्ट उत्पाद के लिए कोई भी काम नहीं करता है। हालाँकि, हम ”मैंगो क़लाकंद” के लिए अतिरिक्त शेल्फ़ लाईफ़ हासिल करने पर काम करना बंद नहीं किया है, बल्कि हम जानना चाहते हैं कि अगर कोई इसे पढ़ने के बाद हमसे इस विषय पे कोई हमें सुझाव देना चाहे तो उनका स्वागत है।
कृतिका आम पापड़ (Krutika Health Products, Rajkot) से भ्रीगु मेहता का कहना था की पूरे साल आम की मिठास को बनाए रखने के सबसे पारंपरिक तरीक़ों में से एक है आम पापड़। यह एक पारंपरिक भारतीय मिठाई जो ताज़े आम के गूदे और चीनी से बनाई जाती है। यह अपने अनूठे स्वाद, चबाने वाली बनावट और विस्तारित शेल्फ़ लाईफ़ के कारण मिठाई निर्माताओं के बीच एक लोकप्रिय पसंदीदा तत्व है। कृतिका आम पापड़ शीट का उपयोग मैंगो बर्फ़ी, मैंगो पेड़ा, मैंगो कतली, मैंगो केक, मैंगो डिलाइट, मैंगो स्विस रोल और बहुत कुछ के निर्माण में किया जाता है।
बर्फ़ी और पेड़ा जैसी मिठाईयों की भरावन के लिए आम पापड़ का उपयोग मिठाई बनाने में सबसे आम तरीक़ों में से एक है। आम पापड़ को छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और एक चिकनी और मलाईदार भराई के लिए दूध पाउडर, चीनी और घी जैसी अन्य सामग्री के साथ मिलाया जाता है।
भरावन को फिर विभिन्न आकृतियों और आकारों में ढाला जाता है, जिससे मिठाई के लिए एक स्वादिष्ट और फल केंद्र बनता है। आम पापड़ को कुल्फी, आईस्क्रीम और रसगुल्ला जैसी मिठाईयों के लिए टॉपिंग या गार्निश के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आम के सूखे पत्तों को बारीक काटा या कद्दूकस किया जाता है और स्वाद और बनावट को बढ़ाने के लिए मिठाई के ऊपर छिड़का जाता है।
पारंपरिक भारतीय मिठाईयों में इस्तेमाल होने के अलावा, आम पापड़ का इस्तेमाल केक और मफ़्फ़िन जैसे पश्चिमी मिठाईयों के उत्पादन में भी किया जा सकता है।
MAP (संशोधित वातावरण पैकेजिंग) एक पैकेजिंग तकनीक है जिसका उपयोग आम पापड़ से बनी मिठाईयों की शेल्फ़ लाईफ़ को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में उत्पाद के लिए इष्टतम वातावरण बनाने के लिए पैकेजिंग के अंदर के वातावरण को संशोधित करना शामिल है, जो इसके शेल्फ़ जीवन को बढ़ाने में मदद कर सकता है। MAP पैकेजिंग आम पापड़ से बनी मिठाईयों की गुणवत्ता और ताज़गी बनाए रखने में मदद करती है, जिससे ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने और खाद्य नुक़सान को कम करने में मदद मिल सकती है।
ब्रिज रसायनम मिष्ठान भंडार, आगरा से तुषार गुप्ता से हुए वार्तालाप में उन्होंने बताया कि अगर स्पेशिएलिटी की बात करें तो हमारे (70%) उत्पादनों में आम मुख्य पदार्थ है। दो-तीन तरह के आम पापड़, मैंगो हलवा, मैंगो ड्राई फ्रूटस की मिठाईयाँ, छेने और मैंगो को मिलाके बनायीं हुई मिठाईयाँ, मैंगो पुडिंग, मैंगो रबड़ी, मैंगो कुल्फ़ी ऐसे कई तरह के मैंगो के प्रोडक्ट हैं। शादी या अन्य किसी अवसर पर सिर्फ़ मैंगो मिठाई का पूरा एक अलग-सा पार्लर लगाने के लिए कस्टमर्स हम से संपर्क करते हैं। मैंगो ढोकला हमारे यहाँ का पसंदीदा उत्पाद है। हम भारतीय को अगर मैंगो पीपल (Mango People) कहें तो ग़लत न होगा। मिठाई और आम के लिए हमारा चाव जग ज़ाहिर है।
इसीलिए इसमें कोई दोराय नहीं है की अन्य मिठाई के साथ साथ आम की मिठाई की डिमांड भी खूब रहती है। यही वजह है कि आम से बनी मिठाईयाँ 12 माह डिमांड की आपूर्ति के लिए मैं रत्नागिरी हापुस के ड्राई-फ़ॉर्म्स इस्तेमाल करके मिठाई का उत्पादन करता हूँ। मैप टेक्नोलॉजी से उत्पाद की शेल्फ़ लाईफ़ ज़रूर बढ़ाई जा सकती है। जिस मिठाई की शेल्फ लाईफ़ 6 महीने की है उसे हम मैप टेक्नोलॉजी से 8 से 9 महीने तक बढ़ा सकते हैं।
अहमदाबाद, कंदोई भोगीलाल मूलचंद से कमलेश भाई कंदोई भी आम के उत्पाद बनाने में अपने क्षेत्र में जाने जाते हैं। उनसे इस विषय पे हुई बातचीत में वो अपनी राय देते हुए कहते हैं की भारत में आम का मौसम आमतौर पर मार्च या अप्रैल में शुरू होता है और क्षेत्र के आधार पर जून या जुलाई तक रहता है। इस समय के दौरान, आपको अल्फ़ांसो, केसर, लंगड़ा और दसहरी सहित कई प्रकार के आम बाज़ार में मिलते हैं।
आम भारतीय व्यंजनों और संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, और आम के मौसम के दौरान, आप आमों को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें डेसर्ट, पेय और स्वादिष्ट आमरस-पूरी शामिल हैं। इस आम के मौसम में हमारी ख़ासियत हैं मैंगो कलाक़ंद, मैंगो चॉकलेट बर्फ़ी, मैंगो केक, मैंगो मैजिक, और वो भी बिना किसी एडिटिव्स या प्रिज़र्वेटिव के बने शुद्ध ताज़ा आम के रस से। आम की मिठाईयों की खपत और मांग काफ़ी अधिक है, ख़ासकर आम के मौसम के दौरान।
हमारे अनुमान से भारतीय व्यंजनों में एक फल और संघटक के रूप में आम की लोकप्रियता सुनिश्चित करती है कि आम की मिठाई भारतीय उपभोक्ताओं के बीच पसंदीदा बनी रहेगी और इसकी मांग और खपत हमेशा बढ़ती रहेगी। हम उच्च मांग को पूरा करने के लिए इस मौसम के दौरान आम की मिठाईयों की एक विस्तृत विविधता पेश करते हैं। हाँ, आम की मिठाईयों की शेल्फ़ लाईफ़ बढ़ाने के लिए मॉडिफ़ाइड एटमॉस्फ़ियर पैकेजिंग MAP तकनीक का इस्तेमाल संभव है। MAP में उत्पाद की गुणवत्ता को बनाए रखने और इसके शेल्फ़ जीवन को बढ़ाने में मदद करने के लिए खाद्य पैकेज के अंदर वातावरण को संशोधित करना शामिल है।
आम की मिठाईयों के मामले में, MAP ऑक्सीकरण की दर को धीमा करने और ख़राब होने वाले सूक्ष्मजीवों के विकास को रोकने में मदद कर सकता है। ऐसा वातावरण बनाने के लिए पैकेजिंग के अंदर ऑक्सीजन, कार्बन डाईऑक्साईड और नाईट्रोजन के स्तर को समायोजित करके प्राप्त किया जाता है जो माईक्रोबियल विकास के लिए कम अनुकूल है। MAP तकनीक का उपयोग करके, विशिष्ट पैकेजिंग और भंडारण की स्थिति के आधार पर आम की मिठाईयों की शेल्फ़ लाईफ़ को कई दिनों या हफ़्तों तक बढ़ाया जा सकता है। यह आहार की बर्बादी को कम करने, आम की मिठाईयों की उपलब्धता बढ़ाने और उनकी समग्र गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है।
हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि MAP तकनीक आम की मिठाईयों के शेल्फ़ जीवन को बढ़ाने में मदद कर सकती है, लेकिन यह अच्छी निर्माण प्रथाओं और उचित भंडारण स्थितियों का विकल्प नहीं है। आम की मिठाईयों की गुणवत्ता और सुरक्षा से अभी भी समझौता नहीं किया जा सकता है यदि उन्हें सही तरीक़े से संभाला और संग्रहीत नहीं किया गया हो तो, भले ही उन्हें MAP तकनीक का उपयोग करके पैक किया गया हो।
अमरावती के रघुवीर स्वीट्स से तेजस पोपट ने अपने आम की मिठाईयों के बारे में बताया की वह विभिन्न प्रकार के आम से बनी मिठाईयाँ बनाते है, लेकिन सबसे आकर्षक और डिमांड वाली मिठाई है रजवाड़ी मैंगो बंगाली। यह छोटे मिट्टी के पॉट में बनाई जाती है, खाने के पान के पत्तों से सजाई जाती है और इसका मुख्य घटक आम की रबड़ी और अनपका छेना होता है।
रजवाड़ी मैंगो बंगाली जैसी आम से बनी मिठाईयों की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है, न केवल आम के मौसम में बल्कि गैर-आम के मौसम में भी डिमांड तेज़ी से बढ़ रही है। इस मिठाई की प्रमुख बिक्री कैटरिंग व्यवसाय से हो रही है, इसलिए इसकी खपत की गणना करना आसान नहीं है।
MAP एक भविष्यवादी तकनीक है और इसने मिठाई उद्योग का चेहरा बदल दिया है। युगों से खाद्य उद्योग और विशेष रूप से मिठाई उत्पादन उद्योगों को अपनी शेल्फ़ लाईफ़ से जुझना पड़ता रहा है। हम अभी तक MAP तकनीक का उपयोग नहीं करते हैं, लेकिन निकट भविष्य में इससे काम करने की उम्मीद है।
सूरत से कैलाश स्वीट्स के अमित आहूजा की मान्यता है की गुजरात में आम का अलग ही क्रेज़ है। लोगों की इसी आम के प्रति रुझाव की आपूर्ति के लिए हम काफ़ी मिठाईयाँ आम से बनाते हैं जैसे की रसमलाई, शुद्ध आम से बनी मिठाई, तरह-तरह की आम की बंगाली मिठाईयाँ, आम की लस्सी, मैंगो केक और पेस्ट्री भी बनती है।
आम से बनी उत्पादन के लिए लोगों की मांग हर साल बढ़ ही रही है और इसीलिए यह कहना लाज़मी होगा की आम की खपत हर साल बढ़ रही है और नए नए निर्माण भी हो रहे हैं। आम उत्पाद की शेल्फ़-लाईफ़ MAP से बढ़ाना कठिन है और यह उत्पाद पर निर्भर करता है लेकिन आम से बनी बहुत दुर्लभ मिठाईयाँ MAP के ज़रिये अच्छी (शेल्फ़़ लाईफ़़) दी जा सकती है।
बुरहानपुर से कुंदन स्वीट्स के शम्मी दावड़ा, जिन्होंने हाल ही में निर्वाधि के नाम से अपना नया ब्रैंड लॉन्च किया है, वो कहते हैं कि आम पापड़ से हम तरह-तरह की मिठाईयाँ बनाते हैं। काजू केसर मैंगो और मैंगो मावा डिलाईट हमारे यहाँ का सबसे लोकप्रिय उत्पादन है।
टोटल कंसम्पशन का अनुमान लगाना मुश्किल है क्योंकि हमारे यहाँ अन्य और आम से बनी दोनों मिठाईयों की मांग समान रूप से हैं, पर आम के मौसम में आम्रखंड जैसी मिठाईयों की खपत गर्मियों में ज़्यादा होती है।
आम की मिठाईयों के लिए MAP तकनीक निश्चित रूप से उत्पाद की शेल्फ़ लाईफ़ को बढ़ाती है।
यह थे हमारे मिठाई निर्माताओं के आम उत्पादन को लेके उनका विस्तृत दृष्टिकोण। बस इसी तरह मैंगो मिठाई की मांग बढ़ती रहेगी और नए नए अविष्कार होते रहेंगे और हम जैसे मैंगो पीपल इन आविष्कारों का लुत्फ़ उठाते रहेंगे।