कम्पोज़िशन स्कीम के तहत आइसक्रीम को शामिल करने के लिए HC ने GST काउंसिल को 3 महीने का समय दिया

Feb 18, 2021

दिल्ली उच्च न्यायालय ने GST Council को पुनर्विचार करने और आइसक्रीम मनुफक्चरर्स को जो लिस्ट से बहार कर दिया था उन्हें कंपोज़िशन स्कीम में शामिल करने के लिए 3 महीने का समय दिया है।

देश के लगभग 6 उच्च न्यायालयों में यह आइस क्रीम निर्माता संघटनों द्वारा जिस में प्रमुख हैं स्मॉल स्केल आइस क्रीम मनुफक्चरर्स एसोसिएशन (SSIMA) अपनी याचिका दायर कर, हर पहलु से एक जुट हो कर लड़ाई लड़ रहे हैं।

डिवीजन बेंच को रिप्रेजेंट करते, जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और संजीव नरुला ने आखिरकार कोर्ट के सामने SSIMA की याचिका रख दी और कंपोज़िशन स्कीम से आइसक्रीम को प्रतिबंधित करने के लिए GST Council से कारण पूछा। 14 मार्च को अंतिम सुनवाई के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अंतिम तिथि के रूप में निर्धारित किया गया है।

छोटे पैमाने पर आइसक्रीम निर्माता, SSIMA और अन्य संघों द्वारा कई याचिकाएँ दायर की गई थीं और तब से लेकर अब तक वे सरकारी कार्यालयों के दरवाजे खटखटा रहे हैं।

उच्च न्यायालय ने GST Council से पूछताछ की के क्या उन्होंने कंपोज़िशन स्कीम के तहत टैक्स बेनिफिट्स का पता लगाने के लिए कोई अध्ययन या शोध किया है, जिस पर सरकारी अधिकारियों ने जवाब दिया कि अब तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया है।

आइस क्रीम टाइम्स ने टेलिफोनिक साक्षात्कारों में, दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के वर्तमान मामले पर आइसक्रीम निर्माताओं के दिग्गजों से बात की। निम्नलिखित उनसे लिए गए अंश हैं:

IICMA के नए अध्यक्ष सुधीर शाह ने उच्च न्यायालय द्वारा लिए गए निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम फैसले का धैर्यपूर्वक इंतज़ार कर रहे हैं, जो अब संभव है। हम सरकार के फैसले के साथ खड़े हैं, और हमारे पक्ष में फैसला सुनने की उम्मीद करते हैं”।

विजय मल्होत्रा, MD दीपिका आइसक्रीम और ऑल इंडिया स्मॉल स्केल आइसक्रीम मनुफक्चरर्स एसोसिएशन (SSIMA) के सचिव, MSME को कंपोज़िशन स्कीम में शामिल कर ने के लिए तीन वर्षों के लम्बे समय से चल रहे प्रयास अंततः फल देने वाले हैं। उन्होंने कहा, “मैं जी-जान से यह लड़ाई लड़ रहा हूँ और अब वक़्त आ गया है की GST Council हमें न्याय दें और उच्च न्यायालय को विचार करना होगा ताकि हमें वह विजेता बना सके”। 

विवेक मिश्रा, MD मूनबेरी आइसक्रीम और VP ऑल इंडिया स्मॉल स्केल आइसक्रीम मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (SSIMA) की कुछ अपने कमैंट्स पेश किए, “4 साल से हमने अपने व्यवसायों को बचाने के लिए नुकसान उठाया है। कई छोटे पैमाने के निर्माताओं ने अपना उत्पादन बंद कर दिया है। लेकिन अब की बार, हम पहले ही आधा केस जीत चुके हैं और बाकी 14 मार्च को होंगे, जिसके बारे में मैं बहुत सकारात्मक हूं। अगर सरकार हमारी बात मानने को तैयार नहीं है तो हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। हमें बहोत अफ़सोस है के आइसक्रीम को पान मसाला, गुटखा, और तंबाकू उत्पादों के साथ जोड़ा  गया ह। आइस क्रीम एक पोषक तत्वों से भरपूर है और उसे कोई जान-लेवा तत्वों से नहीं बनाया गया ह। उम्मीद यही है के जल्द ही हम केस जीत जाएंगे। ”

मुकेश कोठारी, MD, मनमोहन आइसक्रीम, गुजरात और VP ऑल इंडिया स्मॉल स्केल आइसक्रीम मनुफक्चरर्स एसोसिएशन (SSIMA) ने कहा, “हमारी सुनवाई 22 जनवरी को थी, लेकिन GST Council को फैसला करने के लिए कुछ और समय चाहिए था। पहले उन्होंने हमारी याचिका पर कोई जवाब देने से इनकार कर दिया था। लेकिन इस बार हमारे वकील ने हमारे मामले को ज़ोरदार ढंग से सामने रखने के लिए काफी सख़्ती दिखाई है, और उन्होंने एक कड़ा सवालGST Council के आगे रखा है कि दूध और दूध उत्पादों को 5% से 12% तक शामिल किया है फिर आइसक्रीम पर 18% क्योँ लगाया गया है? इस सवाल का जवाब Council   के पास नहीं है। High Court की इस निर्णय के बाद, हमें लगता है कि अदालत निश्चित रूप से हमारे साथ न्याय करेगी”।

उपरोक्त विचारों पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए, कुलदीप जिंदल, MD डेयरी टॉय आइसक्रीम, VP ऑल इंडिया स्मॉल स्केल आइसक्रीम मनुफक्चरर्स एसोसिएशन (SSIMA) और अध्यक्ष PUN Ice cream Association, पंजाब, ने भी अदालत द्वारा अनुकूल फैसला सुना देने की उत्सुकता व्यक्त की है। “हम ने इस पुरे मामले में बहोत पसीना बहाया है, काफी जद्दोजहद के बाद अब जाकर पुष्टि हुई है की हम जीत की स्थिति में हैं। कोर्ट ने GST Council से पूछा कि आइसक्रीम सेक्टर को कम्पोज़िशन स्कीम क्यों नहीं दी गई, इस मुद्दे पर GST Council ने कोर्ट अधिकारियों द्वारा उठाए गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। अब, इस का हल तो यह है की Council हमें टैक्स में कमी कर दें या हमें कम्पोज़िशन स्कीम में शामिल करें ”।

फ़िरोज़ एच. नकवी मुख्य संपादक, आइस क्रीम टाइम्स एंड इंडस्ट्री एक्सपर्ट, ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उनके अनुसार, “आइसक्रीम पर 18% GST के इस मुद्दे ने बहुत अधिक तूल प्राप्त की है और इस मामले में अग्रदूतों ने छोटे स्तर के निर्माताओं को कम्पोज़िशन स्कीम के तहत लाने के लिए लगभग 4 वर्षों तक संघर्ष किया है। उनकी कड़ी मेहनत अब रंग  लाएगी और हम सभी आइसक्रीम निर्माताओं के पक्ष में 14 मार्च 2021 को घोषित किए जाने वाले फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

पूरी आइसक्रीम उद्योग की नज़र अब GST Council के फैसले पर गड़ी हुई है और सब्र से इंतजार कर रही ह। कार्यकर्ताओं के यह ध्यान में रहे की इस साल का आइस क्रीम सीज़न का आग़ाज़ हो चूका है।