कैसी रहीं मिठाई जगत की २०२४ की होली : मिठाई एंड नमकीन टाईम्स का सर्वे रिपोर्ट

2024 की होली मिठाई एंड नमकीन उद्योग ने जम के मनाई होगी इस बात का तो कोई संशय नहीं है। यहाँ, होली के इस खास…

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ख़ुर्जा की खुरचन: अपनी अनूठी मिठास से और बुलंद करती हुई बुलंदशहर की पहचान (History of the Product )

ख़ुर्जा (Khurja) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बुलंदशहर ज़िले में स्थित एक नगर है।”सिरामिक सिटी” से जाने जानेवाला यह शहर दुनिया के दस प्रमुख पॉटरी क्लस्टरों…

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चांदी के वर्क में क्रांति: DS GROUP ने भारत में सबसे पहले स्वचालित मशीनों द्वारा निर्मित “कैच” (Catch) ब्रैंड के चांदी के वर्क का निर्माण किया था

लोकप्रिय कहावत “हर चमकने वाली चीज़ सोना नहीं होती” का अर्थ शाब्दिक और व्यावहारिक दोनों रूप में समझा जा सकता है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि हमारी पसंदीदा मिठाइयों पर चमकदार परत क्या होती है, जो उन्हें कांच की शोकेस में रखने पर इतना आकर्षक बना देती है! चांदी के वर्क (जैसा कि हम इसे जानते हैं) का उपयोग भारत में सदियों से विभिन्न प्रकार की मिठाइयों के रूप और आकर्षण को बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। यह सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का भी हिस्सा रहा है और इसे विभिन्न प्रकार के व्यंजनों एवं  मिष्ठान आदि की सजावट में अपनाया जाता रहा है। हालांकि यह स्वादहीन होता है, लेकिन उपभोक्ता  इसके भव्य रूप के कारण अपनी पसंदीदा रेसिपीज़ और मिठाइयों में इसके इस्तेमाल के लिए आकर्षित होते हैं। हालाँकि, खाने के लिए उपयुक्त चांदी के वर्क की गुणवत्ता और प्रकार को लेकर अस्पष्टता अभी…

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