फूड कलर्स: फूड सायन्स का एक महत्वपूर्ण विषय

फूड प्रोडक्ट्स में फूड कलर्स की महत्वपूर्ण भूमिका और 

नवाचारी तकनीकों का उपयोग

खाद्य रंगों ;थ्ववक ब्वसवनतेद्ध का प्रयोग हमारे आहार को सुंदर और स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ हमारी संस्कृतियों में भी प्राचीन काल से किया जा रहा है। इसकी उदाहरणार्थ विभिन्न धर्म के देवियों तथा देवताओं को भिन्न प्राकृतिक रंगों से प्रसाद प्रदान किए जाते थे और आयुर्वेदिक ग्रंथ श्चरकसंहिताश् में भी विभिन्न औषधियों के स्वाद को मधुर और आकर्षक बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता था। इसी तरह, फूड हिस्टोरियन भी बताते हैं कि मिस्र (Egypt) में भी पौधों के रंग को पाकशाला और भोज्य सामग्री में प्रयोग किया जाता था। ब्रिटिश रसायनशास्त्री विलियम हेनरी पार्किन ने 1853 में पहला नीला सिंथेटिक (Synthetic) रंग बनाया, जो आज भी हमारे बावर्चीख़ानों में इस्तेमाल किया जाता है।

आज हम इस लेख में, खाद्य रंगों की आकर्षक दुनिया को और उनके प्रभाव को जानेंगे। अपने आहार में रंगों के महत्व से लेकर एक विशेष स्वाद से जुड़ा हुआ रंग तथा खाद्यरंग उत्पादन में होने वाले नवनिर्माण पर इस क्षेत्र के Roha Dye Chem Pvt. Ltd. से गौरी विचारे, Avon Flavours से चिराग कथरानी, Maxon Food Services LLP से  अहमद रज़ा, Vinayak Ingredients से आशुतोष बयानी के विशेष राय से सभी पहलुओं को खोजेंगे। आइए, खाद्य रंगों की इस आश्चर्यजनक दुनिया में सफ़र करें और उसके महत्व को समझें।

खाद्य रंगों का महत्व खाद्य आकर्षण में अहम होता है। यह सिर्फ़ खाद्य का स्वाद ही नहीं बढ़ाता है, बल्कि उसकी प्रस्तुति को भी सुंदर और आकर्षक बनाता है। रंगों का उपयोग एक व्यंजन को अधिक स्वादिष्ट और मनोहर बना सकता है, जबकि अविरंगी या एकरंगा रंग उसे अरुचिकर बना सकते हैं। रसोईयों को विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए रंग पैलेट का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि कंट्रास्ट, संतुलन और सामंजस्य, ताकि खाद्य आकर्षक और समृद्ध लगे। इसके साथ ही, खाद्य रंगों का मनोविज्ञान भी महत्वपूर्ण है, जो हमें बताता है कि विभिन्न रंग कैसे विभिन्न भावनाओं को पैदा कर सकते हैं और हमारी धारणा को स्वाद के प्रति प्रेरित कर सकते हैं।

इसी धर्ती पर हमने हमारा पहला सवाल हमारे मुलाकतदारों से किया की कोई भी व्यंजन तैयार करने में खाद्य रंगों का क्या महत्व होता है? इस विषय पर आपकी क्या राय है?

जिसके उत्तर में से Roha Dye Chem Pvt. Ltd. गौरी विचारे, (Manager, Corporate, Communication & Branding) ने बताया की खाद्य रंगों का चयन और उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये खाद्य उत्पादों को अधिक आकर्षक और रुचिकर बनाते हैं। सही रंगों का उपयोग उत्पाद की बिक्री को बढ़ावा देता है और उसकी विशेषता बढ़ाता है। इसके अलावा, सही रंगों का उपयोग उत्पादों को और भी पोषक बनाता है और उनमें अतिरिक्त मूल्य जोड़ता है। फीके या एकरंगा रंग किसी भी व्यंजन को अरुचिकर बना सकते हैं। तो खाद्य रंग बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं हमारी खाद्य शैली में। 

Avon Flavours से चिराग कथरानी ने अपनी राय ज़ाहिर करते हुए कहा, “आदर्श रूप से, हमारे पास यह मज़बूत विश्वास है कि खाद्य रंग खाद्य उत्पादों की प्रस्तुति और दृश्य अपील में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे स्नैक या मिठाई को अधिक स्वादिष्ट और आँखों के लिए आकर्षक बनाते हैं, जो समग्र अनुभव का एक महत्वपूर्ण पहलू है। खाद्य रंगों को ध्यानपूर्वक चुनकर और उपयोग करके किसी आहार की सम्पूर्ण  सौंदर्य अपील बढ़ाती है, जिससे यह अधिक आकर्षक और मनोहर बन जाता है। चमकीले, जीवंत रंग भूख को उत्तेजित कर सकते हैं और आहार के प्रति उत्साह की भावना पैदा करते हैं। 

खाद्य रंगों का उपयोग खाद्य उत्पादों की प्रस्तुति और समग्र दृश्य आकर्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही, समझदारी और संयम से रंगों का उपयोग करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मेरी राय में, रंगों को समझकर और सही रूप से उपयोग करके हमें उन्हें ताज़गी और विविधता देने के साथ-साथ खाद्य उत्पादों की स्वास्थ्यवर्धक गुणवत्ता को भी बनाए रखना चाहिए। खाद्य रंगों का उपयोग करते समय हमें समझदारी से स्वास्थ्य संबंधी विचारों का भी ध्यान रखना चाहिए।

Maxon Food Services LLP से अहमद रजा, Co-founder उनसे किये गए इस प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा, रंग आहार  के सबसे महत्वपूर्ण संवेदी पहलुओं में से एक है। रंगों की ताज़गी उस व्यंजन के स्वाद का संकेत देने के साथ-साथ, यह उपभोक्ता की पसंद और उत्पाद के आनंद को भी देखते ही प्रभावित कर देता है। लोग कुछ रंगों को कुछ स्वादों से जोड़ते हैं और फिर वो आहार या पेय का रंग हो, जैसे कैंडी से लेकर वाइन तक किसी भी व्यंजन को उसके रंग से ही जाना जाता है। रंग ध्यान खींचता है। दरअसल, फूड कलर कई खाद्य पदार्थों के स्वाद और उनकी दिखावट को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, ये खाद्य पदार्थों को स्वस्थ और उन्नत रखने में भी मदद करते हैं।

Vinayak Ingredients के मैनेजिंग डायरेक्टर आशुतोष बयानी ने कहा, ” मेरा मानना है कि खाने के रंग खाने के अनुभव और आकर्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये सिर्फ़ आहार को केवल सुंदर नहीं बनाता बल्कि उसके ग्रहण की इच्छा को भी बढ़ाते हैं। विविध रंग एक विज़्युअल आकर्षण की एक परत होती है जो भूख को प्रेरित करती है और समग्र आहार के अनुभव को बढ़ाती है। रंग का मनोविज्ञान भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, लाल उत्साह और जीवंतता का प्रतीक होता है, जिससे लाल शिमला मिर्च या लाल सॉस वाला खाना अधिक स्वादिष्ट प्रतीत होता है। उसी तरह, हरा रंग ताज़गी और प्राकृतिकता को उत्पन्न करता है, जिससे हरी सब्जियाँ आकर्षक और स्वास्थ्यप्रद महसूस होती हैं”।

मिठाई और आईस्क्रीम फ़्लेवर और रंग का गठबंदन ज़रुरी है। अब जैसे मैंगो आईस्क्रीम का रंग पीला होना अपेक्षित है तो कच्ची कैरी का हरा, स्ट्रॉबेरी का रंग थोड़ा गुलाबी होना चाहिए पर कभी तकनिकी तरीक़े से वो हो नहीं पाता, जैसे की मिठाई और आईस्क्रीम में हमें स्वाद तो उस फ़्लेवर का मिल जाता है पर रंग उस स्वाद को उचित न्याय नहीं देता इस संदर्भ पर हमने हमारा दूसरा प्रश्न किया की फ़्लेवर और रंग का कितना महत्व है उदाहरण के लिए यदि हम सोचते हैं कि यह आम है, तो मिठाईध्आईस्क्रीम का रंग पीला होना चाहिए, लेकिन कभी-कभी मन-चाहे रंग मिल पाना तकनिकी तौर से मुश्किल होते हैं, तो आप उस समस्या को कैसे दूर करते हैं?

गौरी ने इसका उत्तर देते हुए कहा कि खाद्य उत्पादों में फ़्लेवर और रंग का महत्व अत्यधिक है। जब हम आईस्क्रीम या मिठाई का स्वाद लेते हैं, तो उसका रंग हमारे मनोबल को प्रभावित करता है। तकनीकी समस्याओं को हल करने के लिए, हम नवीनतम विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ताकि हम उत्पादों में सही रंग और फ़्लेवर को ठीक से शामिल कर सकें।

चिराग ने इस प्रश्न पर प्रकाश डालते हुए कहा, ष्आहार के स्वाद और रंगों के बीच का संबंध हमारे खाद्य अनुभव को प्रभावित करता है। यह रिश्ता हमारे आहार के आकर्षण और स्वाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रंग और स्वाद के संयोजन से हमें खाने का आनंद अधिक होता  है। आहार के रंग में आवश्यक्ताओं और स्वाद की महत्वपूर्ण दृष्टि संकेत प्रदान कर सकते हैं। हमारे मस्तिष्क स्वाद की समग्र धारणा बनाने के लिए, हम स्वाद और दृष्टि जैसे विभिन्न इंद्रियों से जानकारी को एकत्रित करते हैं। आहार के रंग से हम उसके स्वाद, सुगंध और समग्र स्वाद प्रोफ़ाईल को कैसे समझते हैं। आहार की दृश्य अपील, उसके रंग सहित, हमारे समग्र आहार अनुभव को प्रभावित कर सकती है। इस रिश्ते को समझकर और लाभ उठाकर, हमारे एप्लिकेशन विशेषज्ञ आईस्क्रीम या मिठाई के अनुभव को बढ़ा सकते हैं।

अहमद रज़ा ने इस प्रश्न पर अपनी राय देते हुए कहा कि रंग हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। वे हमें विभिन्न स्थितियों के बारे में जानने में मदद करते हैं। माना जाता है कि इंद्रधनुष के सात रंग, जैसे कि लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला और बैंगनी, हमें विभिन्न भावों और अवस्थाओं का पता लगाने में मदद करते हैं। विज्ञान में, पीला रंग को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यह हमारे शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। पर कभी कभी मनचाहा रंग प्राप्त नहीं होता यह बात सही है पर इसके लिए हमारे पास विशेषज्ञ है जो हमेशा इसका समाधान ढूढ़ लेते हंै।

इस विषय में आशुतोष बयानी ने अपना दृष्टिकोण बताते हुई कहा की स्वाद और रंग के बीच सही संतुलन ढूँढना, विशेषकर प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करते समय, वास्तव में एक चुनौती है। जबकि स्वाद प्राथमिक फ़ोकस बना हुआ है, प्राकृतिक स्रोतों का उपयोग करके दिखने में आकर्षक रंग प्राप्त करना तकनीकी रूप से जटिल हो सकता है। pH स्तर, तापमान, प्रकाश जोखिम और अन्य अवयवों के साथ बातचीत जैसे कई कारक, सभी खाद्य उत्पाद के अंतिम रंग को प्रभावित कर सकते हैं।

हर उत्पादक अपने उत्पाद की विशेषता बढ़ने के लिए नवीनतम विकल्प करता रहता है और फूडकलर उद्योग तो इतना बड़ा है की इसमें रोज़ नये इनोवेशन के लिए नया आयाम है तो हमारा अगला प्रश्न हमने हमारे उत्तरकर्ताओं से किया की खाद्य-रंग यानी फूड कलर की निर्मिति में कोई नयी तकनीक या नए इन्वेंशन पर आप काम कर रहे है?

जिसके उत्तर में गौरी ने कहा,“ हां, रोहा ने खाद्य उत्पादों के विशेष रंगों में समय-समय पर प्राकृतिक और सिंथेटिक रंगों के साथ-साथ नवाचार किया है। इसका मुख्य उद्देश्य खाद्य उत्पादों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए अनुकूलनशील, सुरक्षित और प्रभावी रंगों का विकास करना है। इसमें नवाचारी तकनीकों का प्रयोग होता है, जो उत्पादन प्रक्रिया को अधिक अद्यतन और प्रभावी बनाते हैं”।

चिराग ने उत्तर देते हुए कहा, “हमारी टीम उत्पाद और विनिर्माण के मोर्चे पर विभिन्न नवाचारों पर लगातार काम कर रही है। हर क्षेत्र में नवाचारों के साथ खेल में आगे रहना आवश्यक है। ग्राहक भी हमारे साथ काम करने का आनंद लेते हैं क्योंकि हम अपनी टीम की क्रॉस-फं़क्शनल विशेषज्ञता का उपयोग करके उनके उत्पाद पर विभिन्न मुद्दों को हल करने में उनकी मदद करते हैं”।

अहमद ने उत्तर देते हुए कहा कि नए उत्पादों के विकास में, रंग का महत्वपूर्ण योगदान होता है, जिसका परिणाम है कि हमने एक कार्यशाला शुरू की है जो नए ट्रेंड्स और रुझानों को ध्यान में लेती है, उसी नुसार नवीनतम प्रयोग करती है, और इसी तरह हमारे नए उत्पादों के सफ़ल लॉन्च की संभावनाओं को बढ़ाती है।

इस प्रश्न के उत्तर में आशुतोष ने कहा, “इस विषय में हम नई दिशाएँ खोज रहे हैं, जो हमारे मिशन का मूल है। हम प्राकृतिक खाद्य रंगों की तकनीक में नए मौके़ ढूंढ रहे हैं। हमारे कुछ प्रमुख शोध क्षेत्र में शामिल हैं जैसे की हम अब प्राकृतिक रंगों की विस्तृत सोर्सिंग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम नए, प्राकृतिक स्रोतों से उत्पन्न, जीवंत और स्थिर प्राकृतिक खाद्य रंगों का व्यापक स्पेक्ट्रम बनाने की क्षमता वाली नई रणनीतियों पर गहरा विचार कर रहे हैं। हम समय के साथ हमारे प्राकृतिक खाद्य रंगों की स्थिरता को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे अलग-अलग खाद्य उत्पादों में स्थिर रंग प्रदर्शन की गारंटी मिलती है। हम मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान दे रहे हैं, जहां हमारा लक्ष्य खादी निर्माणों को उच्च गुणवत्ता वाले, विश्व प्राकृतिक खाद्य रंगों का व्यापक चयन प्रदान करना है, जो उनके खाद्य उत्पादों की दृष्टि आकर्षण और समग्र उपभोक्ता अनुभव को बढ़ा सकते हैं”।

निष्कर्ष :

इस चर्चा को समाप्त करते समय, हम देखते हैं कि खाद्य उत्पादों में रंग और स्वाद का महत्व अत्यधिक है। रंग और स्वाद के मिलन से हमें खाने का आनंद अधिक होता है और यह हमारे आहार  के आकर्षण और स्वाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस चर्चा में हमने देखा कि खाद्य उत्पादों के रंग और स्वाद के विकास में नवाचारी तकनीकों का उपयोग हो रहा है। इससे उत्पादों को अधिक आकर्षक, सुरक्षित, और प्रभावी बनाने में मदद मिल रही है। इस तरह के नए और नवाचारी उत्पादों के विकास से उत्पादकों के लिए नई व्यापार की संभावनाएं उत्पन्न हो रही हैं। अतः, खाद्य उत्पादों में रंग और स्वाद के महत्व को समझते हुए और नवीनतम तकनीकों का उपयोग करते हुए उत्पादक और उपभोक्ता दोनों को लाभ मिल रहा है।